इटाढ़ी के नगर पंचायत बनने की घोषणा से मुखिया जी की कुर्सी पर मंडराया खतरा, हाईकोर्ट जाने की तैयारी ..

पदभार ग्रहण करते ही कुर्सी पर आए संकट को देखकर पंचायत की मुखिया बिंदु देवी ने इस मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर आवेदन दिया है. मुखिया ने बताया कि जब नए नगर पंचायत के गठन की बात थी तो पंचायती राज के तहत चुनाव क्यों कराया गया? जब पंचायती राज का गठन कराया गया तो पांच वर्ष नए प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा किया जाना चाहिए.


 






- कैबिनेट की बैठक में इटाढ़ी को नगर पंचायत में शामिल किए जाने की तैयारी
- पांच गांवों की 14 हज़ार लोगों की आबादी होगी शामिल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राज्य कैबिनेट में इटाढ़ी को नए नगर पंचायत बनाये जाने की मंजूरी मिली है. इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. इटाढ़ी पंचायत में पांच गांवों को जोड़कर कुल 14 हजार की आबादी के साथ नगर पंचायत बनाया गया है. इसमें सरस्ती, नाथपुर, इटाढ़ी, पकड़ी व ईश्वरपुरा को शामिल किया गया है. हालांकि, यह गांव इटाढ़ी पंचायत से है वहीं, पंचायत चुनाव में इटाढ़ी पंचायत में मुखिया, सरपंच, बीडीसी, वार्ड सदस्य व वार्ड पंच के नए प्रतिनिधि चुनकर आए हैं. सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को दिसंबर माह के अंत में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. ऐसे में कैबिनेट के इस फैसले के बाद पंचायती राज के प्रतिनिधियों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा तो उन्होंने न्यायालय में जाने की बात तक कह दी है.




अभी पंचायती राज का गठन ही किया गया था कि राज्य कैबिनेट में इटाढ़ी नगर पंचायत बनाने की मुहर लग गई. इस संबंध में बीडीओ अमर कुमार ने बताया कि इटाढ़ी को नगर पंचायत बनाए जाने की अधिसूचना जारी हो गई है. इसके अंतर्गत इटाढ़ी पंचायत के पांच गांव को शामिल किया गया है. अभी इटाढ़ी पंचायत के नए प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं. जाहिर सी बात है, जो गांव नगर पंचायत के अंतर्गत आए हैं, वहां पंचायती राज भंग हो जाएगा और नए नगर पंचायत सरकार गठित की जाएगी.

इस बीच पदभार ग्रहण करते ही कुर्सी पर आए संकट को देखकर पंचायत की मुखिया बिंदु देवी ने इस मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर आवेदन दिया है. मुखिया ने बताया कि जब नए नगर पंचायत के गठन की बात थी तो पंचायती राज के तहत चुनाव क्यों कराया गया? जब पंचायती राज का गठन कराया गया तो पांच वर्ष नए प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर उनके अधिकार का हनन होगा तो वे तथा इस पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे.






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