मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने के पश्चात महिला थानाध्यक्ष ने मामले का अनुसंधान शुरू किया. अनुसंधान के क्रम में वह दल बल के साथ किशोरी के घर पहुंच गई जबकि, किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 27(9) के अंतर्गत ऐसा करना कानूनन गलत है.
- बाल कल्याण समिति के द्वारा एसपी से किया गया कार्रवाई का अनुरोध
- एसपी ने बताया, मुख्यालय डीएसपी कर रहे हैं मामले की जांच
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक किशोरी से दुर्व्यवहार करने उसकी पहचान उजागर करने तथा अनुसंधान के क्रम में उसे धमकाने के मामले को लेकर बालिका व उसके परिजनों के द्वारा बाल कल्याण समिति से की गई शिकायत के आलोक में समिति के द्वारा एसपी को पत्र लिखकर महिला थानाध्यक्ष विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है. इस पत्र के आलोक में एसपी नीरज कुमार सिंह के द्वारा मुख्यालय डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. एसपी ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने के बाद महिला थानाध्यक्ष के विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
घटना के संदर्भ में मिली जानकारी मुताबिक जिले एक किशोरी के अपहरण के बाद उसके साथ सात लोगों के द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने के पश्चात महिला थानाध्यक्ष ने मामले का अनुसंधान शुरू किया. अनुसंधान के क्रम में वह दल बल के साथ किशोरी के घर पहुंच गई जबकि, किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 27(9) के अंतर्गत ऐसा करना कानूनन गलत है.
इस बाबत बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह, सदस्य डॉ शशांक शेखर, नवीन कुमार पाठक, और योगिता कुमारी के द्वारा संयुक्त रूप से एक पत्र एसपी के यहां भेजा गया. पत्र में में यह बताया गया कि किशोर में बच्चों के साथ हुए इस तरह के मामलों में उनके पहचान उजागर करना एक दंडनीय अपराध है. इसके साथ ही महिला थानाध्यक्ष ने पूछताछ के क्रम में किशोरी को न सिर्फ धमकाया बल्कि, उसके साथ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. ऐसे में इस बात की शिकायत किशोरी ने अपने पिता और भाई के साथ समिति के समक्ष उपस्थित होकर की है.
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