न्यायाधीश ने बालिकाओं को कराया अधिकारों से अवगत ..

कहा कि भारत सरकार ने समाज में समानता लाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य देशभर की लड़कियों को जागरूक करना है. साथ ही लोगों को यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है.





- राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आयोजित कार्यक्रम
- अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव ने बताया बालिका दिवस का महत्व

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने वर्चुअल और फिजिकल दोनों मोड में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया. मौके पर जन नायक कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय की विधि छात्राओं सुषमा कुमारी, मधु मिश्रा दामिनी वर्षा, नेहा पाण्डेय, सौम्य श्रीवास्तव, गुड़िया कुमारी, मधु कुमारी, नेहा भारती, रीना कुमारी, सोनी चौबे, नेहा पाण्डेय , शालिनी, पूजा कुमारी में कविता पाठ किया और साथ ही बालिकाओं, महिलाओं पर बने गीत, लोक गीतों को गया जिसमे पैनल अधिवक्ताओं दीपिका केशरी, चंद्रकला वर्मा, आरती कुमारी, प्रीति कुमारी,, आदि ने भी हिस्सा लिया.





इस दौरान श्री तिवारी ने सभी विधि छात्राओ, महिला पैनल अधिवक्ताओं एवं महिला पारा विधिक स्वम सेवकों को संबोधित करते हुए गर्ल चाइल्ड डे मनाने के उद्देश्य, इसका कारण, इसके फायदे आदि के बारे में बताते हुए कहा कि भारत सरकार ने समाज में समानता लाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य देशभर की लड़कियों को जागरूक करना है. साथ ही लोगों को यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है.


उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस देश में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने साल 2008 में की थी. इस दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसमें सेव द गर्ल चाइल्ड, चाइल्ड सेक्स रेशियो और बालिकाओ के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षित वातावरण बनाने सहित अन्य जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं. राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. मौके पर कार्यलय कर्मी, सुमित कुमार, सुनील कुमार, मनोज कुमार रवानी आदि मौजूद रहे.






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