वेतन भुगतान को लेकर सफाई मजदूरों की हड़ताल जारी, नप ने कहा, एनजीओ पर होगी कार्रवाई ..

फिलहाल जब तक वेतन भुगतान के संदर्भ में कोई फैसला नहीं होता तब तक श्रमिक सफाई का कार्य नहीं करेंगे. उन्होंने बताया की यूनियन के अध्यक्ष ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि मजदूरों की हक मारी बर्दाश्त नहीं होगी. उधर सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण नगर के विभिन्न मोहल्लों में कचरे का अंबार पसरा हुआ है.






- ससमय वेतन भुगतान की मांग को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं सफाईकर्मी
- कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया, जिम्मेदार है एनजीओ

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ससमय वेतन भुगतान को लेकर नगर परिषद के कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले सफाई कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. उनका कहना है कि नगर परिषद तथा सफाई कार्य में लगी एनजीओ के द्वारा उनके वेतन भुगतान को लेकर सदैव विलंब किया जाता है. हर महीने के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान कर दिए जाने की बात कही गई थी लेकिन ऐसा कभी नहीं होता. वर्तमान में दिसंबर माह का ही वेतन अवरुद्ध है. ऐसे में जब तक उनका वेतन भुगतान नहीं होगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी. उधर नगर परिषद ने भी इस मामले में अपना रुख साफ कर दिया है. कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि एनजीओ के हाथ में सफाई व्यवस्था दिए जाने का यह उद्देश्य था कि सभी श्रमिकों को स्वस्थ समय वेतन भुगतान हो जाए. एग्रीमेंट में यह साफ लिखा गया है कि नगर परिषद से भले ही उन्हें भुगतान में विलंब हो लेकिन श्रमिकों के वेतन को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा लेकिन, एनजीओ ऐसा नहीं कर रही. ऐसे में संबंधित एनजीओ के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी, साथ ही साथ उसे ब्लैकलिस्टेड भी कर दिया जाएगा.




34 वार्डो की सफाई के लिए 37 लाख रुपये से ज्यादा वसूलती है एनजीओ : 

वर्तमान में जिस एनजीओ के हवाले नगर के सफाई का जिम्मा है उसे प्रति वार्ड 1 लाख 9 हज़ार रुपये की राशि दी जाती है. इस प्रकार 34 वार्डों की सफाई के लिए 37 लाख 6 हज़ार रुपये का भुगतान प्रतिमाह किया जाता है. एनजीओ के द्वारा तकरीबन 240 मजदूरों को दैनिक वेतन के आधार पर काम पर रखा हुआ है जिनके वेतन का ससमय भुगतान नहीं होता. दैनिक वेतन भोगी मजदूरों मैं 15 वर्ष से ज्यादा समय से कार्य कर रहे 70 श्रमिकों को 350 रुपया प्रतिदिन तथा अन्य श्रमिकों को 220 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है. श्रमिकों का कहना है कि उनकी मांग यह भी है कि सरकार के द्वारा निर्धारित मापदंड के हिसाब से उनके वेतन का भुगतान किया जाए.

नहीं हुआ भुगतान तो और तेज होगी लड़ाई :

नगर परिषद कर्मचारी मजदूर यूनियन के सचिव गणेश प्रसाद बताते हैं कि एनजीओ के द्वारा समय से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण हर दिन कमाने-खाने वाले मजदूरों के समक्ष घोर वित्तीय संकट खड़ा हो जाता है. ऐसे में भुगतान को लेकर यदि जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा. फिलहाल जब तक वेतन भुगतान के संदर्भ में कोई फैसला नहीं होता तब तक श्रमिक सफाई का कार्य नहीं करेंगे. उन्होंने बताया की यूनियन के अध्यक्ष ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि मजदूरों की हक मारी बर्दाश्त नहीं होगी. उधर सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण नगर के विभिन्न मोहल्लों में कचरे का अंबार पसरा हुआ है.






Post a Comment

0 Comments