वीडियो : आठ करोड़ की लागत से हो रहे तटबंध मरम्मत के नाम पर महाघोटाला, लोगों की जान से हुआ खिलवाड़ तो फूटा जनाक्रोश ..

ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक के द्वारा बांध की जमी हुई मिट्टी को ही नीचे से काटकर बांध के ऊपर रखा जा रहा है. ऐसे में बांध की मजबूती बढ़ने की जगह बांध और कमजोर हो रहा है. ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल काम रोक दिया गया है. साथ ही बाढ़ नियंत्रण विभाग से पहुंचे अभियंता भी गड़बड़ी की बात स्वीकार कर रहे हैं.





- अर्जुनपुर में ग्रामीण जनता ने किया विरोध तब पहुंचे अभियंता
- स्वीकार की गलती, कहा - जनता ने पहले नहीं थी शिकायत


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बाढ़ के दौरान के रोष से किनारे बसे ग्रामीणों की रक्षा करने वाले बक्सर-कोइलवर तटबंध मरम्मत के नाम पर व्याप्त अनियमितता को लेकर सोमवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूट गया. जिसके बाद उन्होंने अर्जुनपुर के समीप बांध मरम्मति कर रहे संवेदक को कार्य करने से रोक दिया. बाद में बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले की जांच करते हुए अनियमितता की बात स्वीकार की. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस बाबत पहले कोई शिकायत नहीं मिली थी. लेकिन उनका यह कहना भी कहीं ना कहीं कई सवाल खड़े करता है. आखिर, जब विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी अभियंताओं की है तो क्या वह बैठे-बैठे वेतन प्राप्त करते हैं? क्या उनकी यह जिम्मेदारी नहीं है कि वह धरातल पर जाकर स्थिति का अवलोकन करें?



बाढ़ नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग पौने आठ  करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ रोकने के लिए बार मरम्मत का कार्य हो रहा है. जिसके लिए बांध पर मिट्टी डालकर उसको मजबूती प्रदान करनी है जबकि स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक के द्वारा बांध की जमी हुई मिट्टी को ही नीचे से काटकर बांध के ऊपर रखा जा रहा है. ऐसे में बांध की मजबूती बढ़ने की जगह बांध और कमजोर हो रहा है. ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल काम रोक दिया गया है. साथ ही बाढ़ नियंत्रण विभाग से पहुंचे अभियंता भी गड़बड़ी की बात स्वीकार कर रहे हैं.

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बांध मरम्मति का कार्य चल रहा था. इस दौरान संवेदक के द्वारा जमी हुई मिट्टी को निकालकर बांध के ऊपर फैलाया जा रहा था जिससे कि ऐसा प्रतीत हो कि नया काम किया गया है. इस बात का कई बार ग्रामीणों ने विरोध किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं होगी जिसके बाद सोमवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने स्थानीय और अर्जुनपुर पंचायत के मुखिया विश्वनाथ सिंह को सूचना दी. मौके पर पहुंचे मुखिया ने कार्य को रोक कर बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया. इस मामले में बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि लगभग 3.14 करोड़ और 3.68 करोड़ की लागत से दो स्थानों पर बांध की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. हालांकि, एस्टीमेटेड अमाउंट स्वीकृत राशि के बारे में जानकारी कार्यपालक अभियंता दे सकेंगे. बहरहाल, इस तरह का मामला सामने आने के बाद कहीं ना कहीं यह बात तो साफ हो गई है कि विभिन्न विभागों में तब तक घोटाले चलते रहते हैं, जब तक जनता उसमें हस्तक्षेप ना करें.  यह स्थिति बेहद चिंताजनक है.

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