वीडियो : निशुल्क प्रशिक्षण देकर देश की ख्याति प्राप्त संस्था बना रही निर्माण क्षेत्र के अर्जुन ..

सभी विधाओं में थ्योरी तथा प्रैक्टिकल दोनों माध्यमों से तीन-तीन माह के कोर्स को प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा पूरा कराया जाता है. इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद कोई भी बेरोजगार व्यक्ति इस काबिल बन जाता है कि वह या तो आसानी से निर्माण क्षेत्र में नौकरी पा सके अथवा स्वरोजगार से जुड़ कर भी अच्छे पैसे कमा सकें.




- लार्सन एंड टूब्रो के द्वारा आईटीआई मैदान में खोला गया है प्रशिक्षण केंद्र
- निर्माण के क्षेत्र कि सभी विधाओं में पारंगत हो रहे छात्र

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : निर्माण कार्यों में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. कोरोना काल में भी निर्माण के क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिलता रहा. ऐसे में कंस्ट्रक्शन कार्यों में प्रशिक्षित होकर इस क्षेत्र में बेरोजगार अपना कैरियर बना सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए लार्सन एंड टूब्रो के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत कंस्ट्रक्शन स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना स्थानीय,7 आईटीआई मैदान के समीप की गई है.जहां निर्माण के दौरान ईंटों की जोड़ाई, सरिया के इस्तेमाल तथा शटरिंग आदि के कार्य को बेहतर तरीके से सिखाया जाता है. सभी विधाओं में थ्योरी तथा प्रैक्टिकल दोनों माध्यमों से तीन-तीन माह के कोर्स को प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा पूरा कराया जाता है. इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद कोई भी बेरोजगार व्यक्ति इस काबिल बन जाता है कि वह या तो आसानी से निर्माण क्षेत्र में नौकरी पा सके अथवा स्वरोजगार से जुड़ कर भी अच्छे पैसे कमा सकें.

सेंटर के प्रशासनिक प्रभारी देवाशीष धर बताते हैं कि कंस्ट्रक्शन कार्यों में सेफ्टी और क्वालिटी बहुत जरूरी है. साथ ही यदि सिविल इंजीनियर के द्वारा कोई ड्राइंग करके दिया जाए तो उसको भी समझना श्रमिक के लिए आवश्यक है लेकिन, आमतौर पर इस तरह प्रशिक्षित श्रमिक नहीं होते. उन्होंने बताया कि उनके सेंटर में श्रमिकों को प्रशिक्षित कर उनकी क्षमता में वृद्धि की जाती है.

पांचवी पास भी ले सकते हैं नामांकन :

सेंटर के प्रभारी बताते हैं कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना जरूरी है, जिसके उसके पास आधार कार्ड होना जरूरी है. उसकी उम्र 18 वर्ष से 34 वर्ष एवं शैक्षणिक योग्यता पांचवी पास से ज्यादा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि अगर यहां आईटीआई पास लोग भी आते हैं तो वह अपनी क्षमता में और भी ज्यादा बढ़ोतरी कर सकते हैं और बाद में वह अपने साथ प्रशिक्षित श्रमिकों को रखकर कंस्ट्रक्शन कंपनी खोल सकते हैं. इसके अतिरिक्त जो कम पढ़े लिखे हैं वह प्रशिक्षित श्रमिक के रूप में काम करते हुए अनुभव प्राप्त करने के बाद ठेकेदारी का कार्य कर सकते हैं.

देश के कोने-कोने से पहुंचे बेहतरीन शिक्षकों के मार्गदर्शन में मिल रहा नई मंजिल का शानदार रास्ता :

उन्होंने बताया कि उनके यहां जो प्रशिक्षक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं, वह लार्सन एंड टूब्रो के ही ऐसे विभिन्न सेंटरों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अब अपने अनुभव को जिले के छात्रों को प्रशिक्षित करने में लगा रहे हैं. उनको शिक्षकों की देखरेख करने के लिए सेंटर के प्राचार्य भी मौजूद हैं

निशुल्क होगा पूरा प्रशिक्षण, प्राप्त प्रमाण पत्र की होगी सभी जगहों पर मान्यता :

सेंटर प्रभारी ने बताया कि उनके यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं विद्यार्थियों से प्रशिक्षण का कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है. प्रत्येक विधा में तीन माह का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को प्राप्त करना होता है, जिसके बाद एक परीक्षा का आयोजन होगा और फिर सफल प्रतिभागियों को इसका प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.

अन्य संस्थानों में पढ़ रहे बच्चे भी कर सकते हैं निशुल्क प्रैक्टिकल :

संस्थान के प्रिंसिपल राजेश सिंह बताते हैं कि दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चे भले ही अपनी पढ़ाई कहीं और से कर रहे हो लेकिन यदि वह चाहे तो उनके यहां मौजूद साधनों तथा शिक्षकों की सहायता से प्रैक्टिकल कर सकते हैं उन्होंने कहा कि ऐसा ट्रेनिंग सेंटर 500 किलोमीटर के दायरे में कहीं नहीं है. उनके यहां पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क सेफ्टी शू, बैग तथा राइटिंग मैटेरियल दिए जाते हैं. साथ ही साथ उनके थ्योरी 20 प्रतिशत प्रैक्टिकल 80 प्रतिशत कराया जाता है. ऐसे में काम को समझने में आसानी होती है.

ईंट की जोड़ाई से लेकर सरिया को मोटाई, तथा शटरिंग के कार्य में पा सकते हैं महारथ :

ब्रिक वर्क के प्रशिक्षक राम नारायण साहू बताते हैं कि ईंट जोड़ाई में कैसे मटेरियल का इस्तेमाल करना है? कैसे डिजाइन बनाना है? और कैसे अलग-अलग मोटाई दीवारों में ईंट का इस्तेमाल करना है यह बताया जाता है. साथ ही कैसे प्लास्टर आदि का कार्य करना है यह सब उनके द्वारा सिखाया जाता है. 
कार पेंटिंग के ट्रेनर संतोष कुमार बताते हैं कि वह जॉइंट बनाना, उनके प्रकार, टिम्बर के प्रकार, लकड़ी के प्रकार तथा टावर निर्माण आदि के बारे में प्रशिक्षण देते हैं. उन्होंने कहा कि नियमित रूप से आने वाले छात्र जल्दी ही कार्य सीख जाते हैं. बार बेंडिंग ट्रेनर बताते हैं कि बार बेंडिंग ट्रेनिंग में सरिया के प्रकार कैसे सरिया का इस्तेमाल कहां किया जाए तथा वाइंड अप बार आदि का निर्माण बताया जाता है ताकि छतों का भार अच्छे ढंग से ट्रांसफर हो सके और उसमें दरारें ना पड़े.

 छात्र व आगंतुक सभी कर रहे हैं व्यवस्थाओं की सराहना :

सेंटर में प्रशिक्षण पा रहे जिले के नावानगर के भटौली गांव निवासी हरिओम कुमार बताते हैं कि वह दो दिसंबर से यहां ट्रेनिंग ले रहे हैं. अब उनका कोर्स खत्म होने वाला है. उन्हें उम्मीद है कि यहां से निकलने के बाद उन्हें रोजगार के असीमित अवसर प्राप्त होंगे. सेंटर में पहुंचे आगंतुक बक्सर नगर निवासी मोहम्मद चांद आलम, बिक्रमगंज से पहुंचे कुमार शौर्यमान तथा जमुई जिले से पहुंचे संजय कुमार बताते हैं कि उन्होंने इस तरह का सेंटर बिहार राज्य में कहीं नहीं देखा है. ऐसे में जिले के साथ-साथ प्रदेश वासियों के लिए यह किसी तोहफे से कम नहीं.

वीडियो : 









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