वैदिक मंत्रोचार व हवन आहुतियों से पवित्र हुआ खरवनिया, धर्म सम्मेलन में देशभर से पहुंचे साधु संत, व राजनीतिक दिग्गज ..

पूज्य संत श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में महामहोत्सव 4 मार्च से चल रहा है. इसका आयोजन विशिष्टाद्वैत वेदांत के प्रवर्तक व श्रीवैष्णव संप्रदाय के प्रथम आचार्य श्री रामानुजाचार्य की जयंती के एक हजार वें वर्ष के उपलक्ष्य में हुआ था. समापन के उपरांत दोपहर बाद श्री जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा शिष्यों को दीक्षा दी जाएगी.





- श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ का हुआ है महाआयोजन
- पूर्णाहुति के साथ आज संपन्न हो जाएगा यज्ञ

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राजपुर प्रखंड के खरवानिया में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के आयोजन से ग्रामवासी धन्य हो गए हैं. वैदिक मंत्रोचार तथा यज्ञशाला में आहुतियों से खरवानिया का वातावरण पवित्र हो गया है. मंगलवार यहां को धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया इस दौरान खरवानिया में देश भर से पहुंचे साधु-संतों के साथ साथ श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई थी. संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित "अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन-सह-मानवता जागरण सम्मेलन" मैं शामिल होने के लिए दूरदराज से आम जनमानस के साथ-साथ कई नेताओं तथा गणमान्य लोगों ने भी शिरकत की. मंगलवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय भी मौके पर पहुंचे थे. इसके अतिरिक्त संदर्भ संजय कुमार तिवारी राजपुर विधायक समेत तमाम जनप्रतिनिधि भी पहुंचे थे.


निर्धारित कार्यक्रम के तहत वहां पांच दिनों से चल रहे ‘श्री रामानुजाचार्य सहस्त्रत्तब्दी स्मृति महामहोत्सव’ के अवसर पर धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया था. सम्मेलन में वैदिक व पौराणिक मंथन करते हुए धर्माचार्यों व संत-महंतों ने विश्व शान्ति का मंत्र दिया. इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने तथा अपने शास्त्रीय वचनों से सनातन का संदेश देने के लिए देश के नामचीन विद्वान व धर्माचार्य पहुंचे थे. संत, विद्वानों द्वारा सनातन धर्म के मूल तत्व को निकालने के लिए घंटों तक शास्त्रीय विमर्श किया गया, जिसमें सनातन को सभी धर्म व संप्रदाय का मूल बताते हुए इसके सिद्धांत को विश्व के कल्याण हेतु प्रसंगिक बताया गया. 


चर्चा में श्री विश्वप्रसन्न तीर्थ स्वामी जी महाराज, जगद्गुरु रामानुजाचार्य मधवाचार्य जी महाराज, युवाचार्य श्री शरणम जी महाराज,जगद्गुरु वल्लभाचार्यजी महाराज,श्री भद्रेश स्वामी जी महाराज अक्षरधाम मंदिर दिल्ली,श्री त्रिदंडी देव समाधि आश्रम के महंत श्रीमज्जगदगुरु श्री अयोध्यानाथ जी महाराज व आराध्य भगवान दास जी महाराज समेत अन्य संतों अपने विचार रखे. धर्म सम्मेलन में संतों के उद्गार को सुनने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया था. चालीस एकड़ के विशाल भू-भाग पर हो रहे इस महामहोत्सव का चप्पा-चप्पा श्रद्धालुओं से पट गया था. भीड़ का आलम यह था कि सम्मेलन पंडाल में पहुंचने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी. 


गूंजती रही वैदिक मंत्रोच्चार की ध्वनि :

महायज्ञ में प्रधान मंडप समेत कुल 109 यज्ञ शालाओं में 259 हवन कुंड बनाए गए हैं। सभी कुंडों में प्रात: से लेकर शाम तक आहूतियां दी गईं. आचार्यों के मार्ग दर्शन में सभी यजमान कुंडों में अनवरत आहूतियां दे रहे थे. अन्य दिनों की भांति यजमान व आचार्य अनुष्ठान किए. श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान व विविध देवी-देवताओं की सविधि पूजा तथा अभिषेक आदि संपन्न किए गए. वही श्रीमद्बाल्मीकी रामायण का पाठ के अलावा श्रीमद्भागवत महापुराण, श्रीरामचरितमानस, श्रमीद्भगवदगीता व श्रीविष्णुसहस्त्रत्त्नाम स्तोत्र आदि ग्रंथों के पाठ जारी रहे.


विशाल व भव्य पंडाल में देर रात तक प्रवचन का कार्यक्रम जारी रहा. विभिन्न पुराणों व धर्म ग्रंथों के अलग-अलग विद्वान धर्माचार्यों द्वारा कथा सुनाई गई. जिसमें श्री जीयर स्वामी जी महाराज के उपदेश दर्शन के लिए भीड़ लगी रही.



पूर्णाहुति के साथ आज होगा समापन :

महामहोत्सव का समापन बुधवार को होगा. इससे पहले श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति की जाएगी तथा सभी वैदिक विधान को पूर्ण किया जाएगा. पूज्य संत श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में महामहोत्सव 4 मार्च से चल रहा है. इसका आयोजन विशिष्टाद्वैत वेदांत के प्रवर्तक व श्रीवैष्णव संप्रदाय के प्रथम आचार्य श्री रामानुजाचार्य की जयंती के एक हजार वें वर्ष के उपलक्ष्य में हुआ था. समापन के उपरांत दोपहर बाद श्री जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा शिष्यों को दीक्षा दी जाएगी.











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