वीडियो : बक्सर में शुरू हुआ "समोसा आंदोलन" युवाओं ने कहा - "ऐसी मनमानी नहीं चलेगी ..

सोमवार तक उन्होंने 6 रुपये में समोसे खाए थे लेकिन, मंगलवार को समोसे की दुकान पर पहुंचे तो वहां उनसे दुकानदार के द्वारा यह बताया गया कि समोसे की कीमत अब उन्हें 8 रुपये चुकानी होगी. ऐसे में युवा आंदोलित हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे. 




- दलसागर खेल मैदान के समीप समोसा दुकानदार ने समोसे की कीमतों में किया दो रुपये का इजाफा
- युवाओं ने कहा, अचानक कीमत बढ़ने से गड़बड़ा गया है बजट

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : देश में समय-समय पर अनेक आंदोलन होते रहते हैं. अंग्रेजों को भारत से भगाने के आंदोलन की सफलता के बाद देश में जो आंदोलनों का दौर चला वो आज तक जारी है. अंग्रेज तो चले गए लेकिन अपने अधिकारों के लिए लोग आज भी आंदोलन करते रहते हैं. महंगाई को लेकर भी सदैव देश की जनता आंदोलन के ही मूड में रहती है. केवल मौका मिलना चाहिए और ये आंदोलनकारी सड़कों पर दिखाई देने लगते हैं. आंदोलनों में सत्ता बदलने की भी ताकत होती है. ऐसे में आंदोलनों से सभी भयभीत रहते हैं. वहीं, आंदोलनों को जब युवाओं का साथ मिल जाए तो उसकी सफलता निश्चित मानी जाती है.

आंदोलनों के इस देश में अपने जिले के युवाओं ने भी समय-समय पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. एक बार फिर युवा आंदोलन के लिए उतारू हो गए हैं. यह आंदोलन ऐसा वैसा नहीं बल्कि मनुष्य की सबसे बड़ी जरूरत पेट की भूख से जुड़ा हुआ है. दरअसल दलसागर खेल मैदान में हर शाम क्रिकेट खेलने के लिए पहुंचने वाले ग्रामीण युवा प्रतिदिन मैदान के समीप ही समोसे की दुकान से समोसा खाते हैं. सोमवार तक उन्होंने 6 रुपये में समोसे खाए थे लेकिन, मंगलवार को समोसे की दुकान पर पहुंचे तो वहां उनसे दुकानदार के द्वारा यह बताया गया कि समोसे की कीमत अब उन्हें 8 रुपये चुकानी होगी. ऐसे में युवा आंदोलित हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे. उनका कहना था कि यह सरासर उनके पेट पर लात मारने जैसा है. जो भी युवा क्रिकेट खेलने आते हैं उन्हें अभिभावकों से थोड़ी सी पॉकेट मनी मिलती है. ऐसे में अचानक से समोसे की कीमत बढ़ा देने के बाद अब उनका बजट गड़बड़ा जाएगा. 

मंगलवार की शाम समोसे की कीमतें अचानक बढ़ने के बाद युवाओं ने पहले तो दुकानदार को समझाने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं माने तो युवाओं ने दुकान के सामने ही जमा होकर नारेबाजी शुरू कर दी. नारेबाजी के दौरान सभी ने अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जला दी थी ताकि आंदोलन में प्रयुक्त होने वाले मसाल की कमी पूरी की जा सके. तकरीबन एक घंटे तक यह ड्रामा चला लेकिन दुकानदार अपनी जिद पर अड़े रहे. अंततः युवाओं ने अपने घरों का रुख किया लेकिन, यह स्पष्ट किया कि अब नए स्वरूप में तबतक आंदोलन जारी रहेगा जब तक समोसे की कीमत नहीं घटेगी. 

बहरहाल, फिलहाल जो वीडियो युवाओं के द्वारा हमें उपलब्ध कराया गया है उसे आप नीचे देख सकते हैं. मामले की तफ्तीश के लिए जल्द ही हमारी टीम मौके पर पहुंचेगी और समोसा विक्रेता का भी पक्ष आपके सामने रखेगी.

वीडियो : 









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