जीव मात्र की कामनाओं की पूर्ति तथा परमानंद की प्राप्ति कराती है रासलीला : अंजलि गोस्वामी

श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दौरान भक्ति रस की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है. बुधवार को यज्ञमंडप की परिक्रमा के लिए काफी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु पहुंचे थे. उनके बीच श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है. इस दौरान महिलाओं द्वारा गाए जा रहे मांगलिक गीतों और वैदिक मंत्रोच्चारण से इलाका गुंजायमान रहा. 




- कोरानसराय में चल रहा लक्ष्‍मीनारायण महायज्ञ का आयोजन  
- श्रद्धालुओं के जयघोष से प्रवाहित हो रही हैं भक्तिरस की धारा 

बक्‍सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अनुमंडल क्षेत्र के कोरान सराय गांव में चल रहे श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दौरान भक्ति रस की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है. बुधवार को यज्ञमंडप की परिक्रमा के लिए काफी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु पहुंचे थे. उनके बीच श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है. इस दौरान महिलाओं द्वारा गाए जा रहे मांगलिक गीतों और वैदिक मंत्रोच्चारण से इलाका गुंजायमान रहा. 





महायज्ञ के दौरान प्रवचन करते हुए अंजलि गोस्वामी ने कहा कि अनादि काल से हमारा मन-मस्तिष्क रसिक और रसलोलुप है. इस मन को अपनी ओर आकर्षित करने तथा रससार सर्वस्व में सराबोर करने के लिए भगवान मनमोहन श्यामसुंदर बनकर रसमयी लीलायें संपन्न करते हैं. जीव को शिव में लीन-तल्लीन करने की विधा ही लीला है. उसमें लोकोत्तर ब्रह्मरस की वर्षा होने से उसे रासलीला कहा जाता है. इन्होंने कहा कहा कि भगवान के समस्त अवतारों का एक साथ दर्शन श्रीकृष्णावतार में हो जाता है, जिसमें आरंभ में बाललीला गोकुल में भगवान ने किया. 

श्री कृष्ण लीला में माखनचोरी व मृद्-भक्षण (मिट्टी खाना) प्रमुख है. वनलीला श्रीधाम वृंदावन में की जिसमें गोचारण, गोवर्द्धन धारण आदि प्रमुख हैं. रासलीला रसकुंज में  समस्त प्राणियों के परम कल्याण के लिए भक्तिरस का उद्रेक किया और सबको उपकृत किया. रासलीला जीव मात्र की कामनाओं की पूर्ति तथा परमानंद की प्राप्ति कराती है.

सनद रहे कि श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में वैदिक पंडितों एवं संत महात्‍माओं का आगमन हुआ है. महायज्ञ परिसर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. इसको लेकर कोरानसराय और आसपास के इलाके में श्रद्धा और भक्ति का माहौल कायम है.




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