बिहार दिवस पर याद आए आधुनिक बिहार के निर्माता सच्चिदानंद सिन्‍हा ..

महान विभूति को जन्म देकर न सिर्फ पूरें बिहार को गौरवान्वित किया बल्कि इनकी प्रखर लेखनी व विद्वता से पूरे राष्ट्र में इस गांव का नाम ऊंचा हुआ. उक्‍त बातें नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रखंड के मुरार हाई स्कूल प्रांगण में मंगलवार को बिहार दिवस के अवसर पर आधुनिक बिहार के निर्माता व संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष डॉ.सच्चिदानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के दौरान कही. 







- पुष्‍प अर्पित करने पहुंचे प्रतिनिधि, कृतित्‍व और व्‍यक्तित्‍व पर डाला प्रकाश 
- मुरार स्थित पैतृक आवास को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में पहचान दिलाने की उठी मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मुरार गांव की मिट्टीं ने डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा जैसे महान विभूति को जन्म देकर न सिर्फ पूरें बिहार को गौरवान्वित किया बल्कि इनकी प्रखर लेखनी व विद्वता से पूरे राष्ट्र में इस गांव का नाम ऊंचा हुआ. उक्‍त बातें नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रखंड के मुरार हाई स्कूल प्रांगण में मंगलवार को बिहार दिवस के अवसर पर आधुनिक बिहार के निर्माता व संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष डॉ.सच्चिदानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के दौरान कही. 

पृथक बिहार के सूत्रधार डा. सच्चिदानंद सिन्हा के पैतृक गांव स्थित मुरार हाई स्‍कूल जहां इनकी प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा हुई थी उस प्रांगण में स्‍थापित डा. सिन्‍हा की प्रतिमा पर पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीण युवाओं ने पुष्‍प चढ़ाकर इस महान विभूति को याद किया. स्थानीय जिला पार्षद अरविंद प्रताप शाही और मुरार पंचायत के मुखिया श्रवण कुमार प्रसाद ने कहा कि इंग्लैंड में अपनी पढ़ाई पूरी कर वापस वतन लौट रहे डा.सच्चिदानंद सिन्हा ने अंग्रेजी यात्री के एक सवाल पर पृथक बिहार गढ़ने का संकल्प लिया. 

22 मार्च 1911 में बंगाल से अलग पृथक बिहार के आकार लेने का श्रेय डा०सिन्हा को जाता है. बक्सर के लिए यह गर्व का विषय है कि बिहार के सृजन में अहम भूमिका निभाने वाले यह महान विभूति का जन्म और शिक्षा-दीक्षा मुरार गांव में हुई. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए संविधान गढ़ना कोई आसान काम नहीं था. सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरें देश का सौभाग्य है, कि इतनी महती भूमिका को निभाने के लिए डॉ सिन्हा को संविधान सभा के पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. तबीयत खराबी के बाद के पटना आवास पर उनके हस्ताक्षर के लिए संविधान की मूल प्रति को लाया गया था. इस मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने डा०सिन्‍हा की प्रतिमा बिहार विधानसभा एवं लोकसभा परिसर में लगाने और सच्चिदानंद डा०सिन्‍हा के मुरार गांव स्थित पैतृक आवास को राष्ट्रीय स्मारक के रूप मे पहचान दिलाने के लिए शासन का ध्‍यान आकृष्‍ट कराया है. 

इस दौरान सत्येंद्र सिंह, नंदलाल पंडित, राकेश गौतम, कन्हैया सिंह, अर्जुन सिंह, उमेश कुमार सिन्हा, विश्वकर्मा प्रसाद, राजन पंडित, भोला महतो, विजय कुमार और राज किशोर प्रसाद सहित कई लोग उपस्थित रहे.



















 














Post a Comment

0 Comments