कलशयात्रा के साथ ही शुरु हो जाएगा सात दिवसीय श्रीरामानुजाचार्य स्वामी सहस्त्रताब्दी जयंती स्मृति महामहोत्सव ..

श्रीवैष्णव संप्रदाय के प्रमुख आचार्य व विशिष्टद्वैतवाद वेदान्त के प्रर्वतक श्रीरामानुजाचार्य स्वामी सहस्त्रताब्दी (एक हजारवीं) जयंती स्मृति महामहोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. इस सात दिवसीय महामहोत्सव के दौरान 8 मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन-सह-मानवता संस्कृति जागरण सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.






- 251 कुंडीय महायज्ञ को लेकर पूरी हुई तैयारियां
- शुक्रवार को आयोजित कलश यात्रा में हेलीकॉप्टर से बरसाए जाएंगे आस्था के पुष्प

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला मुख्यालय से तकरीबन 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजपुर प्रखंड के खरवनियां गांव की भूमि पर 40 एकड़ में श्रीरामानुजाचार्य सहस्त्रताब्दी नगर बसकर तैयार हो गया है. जहां शुक्रवार को कलश यात्रा के बाद महा महोत्सव का शुभारंभ हो जाएगा. वहां श्रीवैष्णव संप्रदाय के प्रमुख आचार्य व विशिष्टद्वैतवाद वेदान्त के प्रर्वतक श्रीरामानुजाचार्य स्वामी सहस्त्रताब्दी (एक हजारवीं) जयंती स्मृति महामहोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. इस सात दिवसीय महामहोत्सव के दौरान 8 मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन-सह-मानवता संस्कृति जागरण सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.



ब्रह्मलीन संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी के सानिध्य में महामहोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को कलश शोभायात्रा से होगा. इस अवसर पर 5 मार्च से 251 कुंडीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ का श्रीगणेश होगा तथा 9 मार्च को पूर्णाहूति की जाएगी.

बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय संत लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित हो रहे इसी यज्ञ स्थल का निरीक्षण जगतगुरु डॉ नारायणाचार्य निर्मल स्वामी तथा जगतगुरु अयोध्या नाथ स्वामी के द्वारा किया गया. तत्पश्चात जीयर स्वामी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त कर उनके साथ विमर्श किया गया. मौके पर प्रधान यजमान मिथिलेश पाठक ने भी निर्मल स्वामी से आशीर्वाद प्राप्त  किया. इसके पूर्व मंगलवार को जीयर स्वामी महाराज ने यज्ञ स्थल का स्वयं भ्रमण और निरीक्षण किया था.



पांच लाख वर्गफीट में 109 यज्ञशालाएं :

प्रधान यजमान मिथिलेश पाठक ने बताया कि तकरीबन 5 लाख वर्ग फीट के घेरे में 109 यज्ञशाला बनाई गईं हैं. मध्य में निर्मित मुख्य यज्ञशाला के चारों तरफ छोटी आकार की 108 यज्ञशालाएं हैं. प्रत्येक लघु यज्ञशाला में एक-एक हवन कुंड हैं. वहीं, मुख्य यज्ञशाला 151 हवन कुंडों के साथ शोभायमान हो रहा है. 11 मंजिल की प्रधान यज्ञशाला समेत अन्य सभी में विराजमान होकर सात दिनों तक यजमान हवन-यज्ञ करेंगे. यज्ञ मंडप की परिधि चार किलोमीटर है. 

कलश यात्रा में हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा

आयोजक ने बताया कि शुक्रवार को कलश के साथ निकलने वाली शोभायात्रा का स्वागत हेलिकॉप्टर से फूल बरसाकर किया जाएगा. जिले में होने वाले किसी यज्ञ में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा का यह पहला अवसर है. कलश यात्रा यज्ञ स्थल से निकलकर बक्सर-दिनारा रोड के रास्ते बेलवइया मोड़ पहुंचेगी. इसके बाद वहां से एनएच-30 रोड होते हुए दिनारा से बक्सर रोड से लौटेंगे तथा कौवाखोंच पुल के पास कलश में नहर से जलाहरण किया जाएगा.

आयोजक मंडल के सदस्य गोपाल जी पांडेय ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि सभी प्रशासनिक पदाधिकारी लगातार यज्ञ स्थल का दौरा कर रहे हैं बुधवार को एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा तथा एसडीपीओ गोरख राम एवं स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी तथा हेलीपैड से लेकर सुरक्षा के तमाम इंतजाम का जायजा लिया गया था. इस दौरान मिथिलेश पाठक, रविन्द्र सिंह, गुड्डू, छोटे लाल पाण्डेय व कीर्तन पाठक आदि समिति के सदस्य उपस्थित रहे.

धर्म सम्मेलन के लिए बना विशाल मंच : 

बताया गया कि विशाल पंडाल में साढ़े चौदह हजार वर्ग फीट का भव्य मंच बनाया गया है. जिस मंच पर अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन तथा प्रवचन होगा. इसके अलावा भोजनालय की अलग व्यवस्था की गई है, जिसमें एक बार में एक लाख बैठकर भोजन कर सकेंगे. भोजनालय के लिए एक हज़ार फ़ीट की भूमि की घेराबंदी की गई है. वाहन से आने वाले आगंतुकों के लिए 5 लाख वर्ग फीट के घेरे में में पार्किंग की व्यवस्था की गई. जबकि अतिथियों के ठहरने के लिए हजारों रेवटियों को सुसज्जित कर तैयार किया गया है. यज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष छोटे उपाध्याय ने बताया कि कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है.

देश के कोने-कोने से पहुंचेंगे कथा मर्मज्ञ, बहाएंगे भक्ति रस धारा :

यज्ञ के दौरान प्रवचन व कथा के लिए भारत के कोने-कोने से संत-महात्मा आ रहे हैं. बुधवार से  से जीयर स्वामी जी महाराज के प्रवचन शुभारंभ हो चुका है. अनवरत प्रवचन करने हेतु काशी, मथुरा, बनारस, हरिद्वार आदि जगहों से भारत के प्रसिद्ध कथा वाचक पधारेंगे. जिसमें समाधि आश्रम के पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु रामानुजाचार्य अयोध्यानाथ स्वामी, मुक्तिनाथ स्वामी, आचार्य बद्रीनाथ वनमाली महाराज व श्री बैकुंठ नाथ स्वामी जी शामिल हैं.




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