श्रीमद्भागवत कथा : कृष्ण और गोपियों के विरह की लीला का चित्रण करते स्वयं रो पड़े भाई गुप्तेश्वर जी महाराज

भाई गुप्तेश्वर जी महाराज ने कृष्ण की रासलीला का मनमोहक अंदाज में ऐसा चित्रण किया कि भक्त गोपियों के प्रेम और विरह को देख वह स्वयं भी रो पड़े. उन्होंने कहा कि महारास में बड़े-बड़े सिद्ध संतों और देवताओं का भी प्रवेश नहीं. भगवान शिव को भी रास में प्रवेश के लिए गोपियों का वेश धारण करना पड़ा था.





- श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा में भींग रहे श्रद्धालु 
- राजपुर प्रखंड के मनिया गांव में आयोजित है श्रीमद्भागवत कथा


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : राजपुर प्रखंड के मनिया गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा से स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के विभिन्न नेताओं के लोग भी स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं. कथा के पांचवे दिन प्रख्यात संत त्रिदंडी स्वामी महाराज के श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज कथा पंडाल में पहुंचे तथा उन्होंने लोगों को भागवत कथा का महत्व समझाया. मौके पर कथा वाचक गुप्तेश्वर जी महाराज ने भी भगवान कृष्ण की बाल लीला व माखन चोरी प्रसंग को काफी रोचक तरीके से श्रद्धालुओं के समक्ष रखा. साथ ही कई भजन गाकर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया. 


गुरुवार को छठवें दिन भाई गुप्तेश्वर जी महाराज ने कृष्ण की रासलीला का मनमोहक अंदाज में ऐसा चित्रण किया कि भक्त गोपियों के प्रेम और विरह को देख वह स्वयं भी रो पड़े. उन्होंने कहा कि महारास में बड़े-बड़े सिद्ध संतों और देवताओं का भी प्रवेश नहीं. भगवान शिव को भी रास में प्रवेश के लिए गोपियों का वेश धारण करना पड़ा था. भाई श्री ने कहा कि आज भी वृंदावन में कृष्ण की बांसुरी बजती है और उन्हें सुनाई भी देती है जो इस रसपान के पात्र हैं. 


रासलीला के बाद गोपियों के विरह की कथा ने जहां लोगों को रुलाया वही कृष्ण रुक्मणी विवाह के उत्सव में भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया. भाई श्री गुप्तेश्वर महाराज के मुखारविंद से भोजपुरी में विवाह गीत सुनकर भक्त नाच उठे. भक्तों ने कृष्ण रुक्मणी विवाह के मौके पर अबीर-गुलाल उड़ाकर जश्न मनाया. कृष्ण और रुक्मणी की झांकी और उनके नृत्य ने भक्तों के बीच आनंद की वर्षा कर दी. कथा और यज्ञ के आयोजक लाला चक के पूर्व मुखिया हरेंद्र सिंह और समाजसेवी ललन राय का कहना है कि भीषण गर्मी में भी कथा और यज्ञ पंडाल में आस्था का जो जनसैलाब उमड़ रहा है वह ऐतिहासिक है. 





















 














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