जिले में 40 तालाबों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें अमृत सरोवर के नाम से विकसित करने की योजना है. वर्तमान में 15 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू भी हो गया है बताया जा रहा है कि जिले के सभी प्रखंडों में अमृत सरोवर का निर्माण होना है.
सरोवर के पुनरुद्धार में लगे श्रमिकों के साथ बैठे मुखिया इम्तियाज अंसारी |
- जिले में 40 अमृत सरोवरों का होना है निर्माण
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का भी हो रहा है कार्यान्वयन
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के विभिन्न प्रखंडों में अमृत रूपी जल को सहेजने के लिए अमृत सरोवरों का निर्माण शुरू हो गया है इस दौरान जिले में 40 तालाबों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें अमृत सरोवर के नाम से विकसित करने की योजना है. वर्तमान में 15 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू भी हो गया है बताया जा रहा है कि जिले के सभी प्रखंडों में अमृत सरोवर का निर्माण होना है. इसी क्रम में सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत के मुखिया इम्तियाज अंसारी के द्वारा भी अमृत सरोवर का निर्माण शुरू कराया गया है. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत तकरीबन 75 से ज्यादा मजदूरों के द्वारा निर्माण का कार्य किया जा रहा है. जीर्णोद्धार के कार्य में मजदूर लगातार कार्य कर रहे हैं तय समयावधि में इस निर्माण को पूरा भी कर लिया जाएगा.
पोखर निर्माण का कार्य करते श्रमिक |
मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि जिले भर में जो भी अमृत सरोवर बनाए जाने हैं उनके किनारे पाथ - वे बनाया जाएगा, साथ ही साथ सरोवर में उतरने के लिए सीढियां बनाई जाएंगी. इसके अतिरिक्त 15 अगस्त तथा 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के दौरान सरोवर के किनारे ध्वजारोहण भी किया जाएगा. ऐसा करने का उद्देश्य केवल यह है कि सरोवरों के महत्व से लोग अवगत हो सके तथा उसके संरक्षण के संदर्भ में सदैव विचारशील रहे.
योजना की जांच करने पहुंचे अधिकारी |
उन्होंने बताया कि तालाब के आसपास पौधरोपण भी किया जाएगा. साथ ही साथ उसकी साज-सज्जा के लिए खंभे लगाकर उस पर लाइट भी लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि तालाब में जल स्तर हमेशा छह फीट तक हो इसका भी पूरा ख्याल रखा जाएगा तथा सरोवर की साफ-सफाई के लिए भी स्थानीय प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
बेकार हाथों को मिल रहा रोजगार :
जिले में जितने भी अमृत सरोवरों का निर्माण शुरू हुआ है उनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत श्रमिकों से काम कराया जाना है. किसी भी प्रकार से मशीन का प्रयोग वहां नहीं किया जाना है. सिमरी के काज़ीपुर पंचायत में हो रहे निर्माण की जांच करने पहुंचे मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि मनरेगा के जो भी मजदूर कार्य कर रहे हैं उनकी बायोमेट्रिक हाजिरी बनेगी, साथ ही साथ कार्य के दौरान उनके बैठने के लिए छाया की व्यवस्था तथा पानी पीने की भी की व्यवस्था भी की जानी है. काज़ीपुर पंचायत के निरीक्षण के दौरान उन्होंने इन सभी चीजों को वहां पर पाया.
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