डीआरएम ने किया दानापुर-डीडीयू रेलखंड का निरीक्षण, चौसा में ट्रेनों के ठहराव की हुई मांग ..

कहा कि कोरोना काल में बंद गाड़ी जो चौसा रेलवे स्टेशन पर पूर्व से ठहराव था, उसको भी वहां से हटा दिया गया. इन्हीं सब बिन्दुओं को लेकर पूर्व में भी कई एक बार धरना प्रदर्शन एवं अनशन के माध्यम से मांग-पत्र भी दिया जा चुका है लेकिन, आज तक किसी प्रकार का कार्यवाई नहीं की गई जो जनहित की अनदेखी है. 






- दानापुर से डीडीयू तक रेल ट्रैक, सिग्नल तथा यात्री सुविधाओं का लिया जाएगा
- रेलवे यात्री संघर्ष समिति के अनुरोध पर चौसा में उतर कर लिया जायजा 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डीआरएम प्रभात कुमार ने शुक्रवार को दानापुर से डीडीयू तक रेल पथ का निरीक्षण किया. उनके साथ अभियंत्रण विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. उन्होंने ट्रैक, सिग्नल, तथा यात्री सुविधाओं का भी जायजा लिया. रेलवे यात्री संघर्ष समिति के आग्रह पर चौसा स्टेशन पर उतरे डीआरएम प्रभात कुमार ने स्टेशन का निरक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा चौसा स्टेशन पर यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं में सुधार के साथ कोरोना काल में बन्द हुई एक्सप्रेस ट्रेनों का चौसा स्टेशन पर फिर से ठहराव करने के लिए मांग की गई. डीआरएम ने समिति को आश्वासन दिया कि मांगो पर विचार किया जाएगा. संघर्ष समिति के सदस्यों का नेतृत्व रेलवे यात्री संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार यादव कर रहे थे.

शुक्रवार की शाम  डीडीयू से लौटने के दौरान डीआरएम प्रभात कुमार चौसा रेलवे स्टेशन पर अपने निरीक्षण वाहन से उतर गए. जिनका रेल यात्री संघर्ष समिति द्वारा फूल माला व पुष्पगुच्छ दे सम्मान किया गया, उसके बाद चौसा स्टेशन पर पुरूष महिला प्रतीक्षालय, बिना दरवाजे के शौचालय, पानी की व्यवस्था, प्लेटफार्म पर यात्री शेड का जायजा लेते हुए मौजूद पदाधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करने का दिशा निर्देश दिया गया. 

रेलयात्री संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ मनोज यादव ने कहा कि चौसा रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश तथा बिहार का सीमावर्ती स्टेशन है. जहाँ 26 जून 1539 में शेरशाह और हिमायूँ के बीच युद्ध हुआ था और युद्धोंपरांत शेरशाह की विजय हुई थी. साथ ही चौसा महर्षि च्यवन मुनि की तपोभूमि है और हाल ही में इस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1320 मेगा वाट विद्युत ताप गृह की चौसा में ही आधारशिला रखी गई है. जहाँ से कई एक राज्यों को बिजली उत्पादन के दौरान बिजली की आपूर्ति की जायेगी. यहां करीब 10 हजार से अधिक कर्मी एवं पदाधिकारी कार्यरत हैं. इस स्टेशन से तीन जिलों बक्सर, कैमूर, रोहतास से यात्री आकर ट्रेन पकड़ते हैं. इस स्टेशन से करीब 300 से ज्यादा गांव के आम लोगों को आने-जाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बंद गाड़ी जो चौसा रेलवे स्टेशन पर पूर्व से ठहराव था, उसको भी वहां से हटा दिया गया. इन्हीं सब बिन्दुओं को लेकर पूर्व में भी कई एक बार धरना प्रदर्शन एवं अनशन के माध्यम से मांग-पत्र भी दिया जा चुका है लेकिन, आज तक किसी प्रकार का कार्यवाई नहीं की गई जो जनहित की अनदेखी है. 

मांग पत्र सौंपते हुए उन्होंने कहा कि यात्रियों के सुविधा को देखते हुए इस स्टेशन पर रुकने वाली फरक्का, पटना कुर्ला, अपर इंडिया एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव फिर से किया जाए साथ ही यहां  थर्मल पावर के कर्मियों को ध्यान में रखते हुए श्रमजीवी और विभूति ट्रेन का नया ठहराव किया जाए. डीआरएम प्रभात कुमार में मांग पत्र लेते इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है. मौके पर रेलवे संघर्ष समिति के संयोजक तथा आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय कुमार दूबे, उपाध्यक्ष रामाअशीष कुशवाहा, सुनील कुमार मालाकर (अधिवक्ता), बेनीमाधव राजभर, ई० नितेश कुमार उपाध्याय,  भृगु चौहान, कन्हैया मालाकार, ठाकुर प्रसाद कानु, उपेन्द्र यादव, मुन्ना प्रसाद खरवार, शिवमुनी राम, रामप्रवेश राजभर,  बोदा माली, भरत पाण्डेय, आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे.




















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