शतचंडी महायज्ञ : वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच माँ काली प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा ..

महायज्ञ के अंतिम दिन यज्ञ स्थल पर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां काली की प्रसाद ग्रहण किया. इस दौरान देश के कोने-कोने से पधारे संत-महात्माओं को अंगवस्त्र और दक्षिणा देकर विदाई की गई






- महादेवगंज में शतचंडी महायज्ञ के दौरान प्रवाहित हुई भक्तिरस की अविरल धारा
- हवन, पूजन और भव्य भंडारे के साथ संपन्न हुआ आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डुमरांव अनुमंडल के केसठ प्रखंड के महादेवगंज गांव स्थित मां काली स्थान पर चल रहे सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ सह मां काली की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा आचार्य पं. विजय कुमार मिश्रा (तांत्रिक) के सानिध्य में शुक्रवार को हवन पूजन और भव्य भंडारे के साथ सुसंपन्न हुआ. 


आचार्य ने बताया कि मां काली की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अरणीमंथन, जलाधिवास, अनाधिवास और गुरुवार को नगर परिक्रमा सह रात्रि जागरण के बाद शुक्रवार को पूरे दिन नवनिर्मित मंदिर में मां काली एवं भैरव जी के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई. सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के दौरान कुमारी प्रीति, राम चंद्राचार्य और कृपाचार्य सहित देश के कोने-कोने से पधारे कई विद्वान प्रवचनकर्ताओं ने अपनी अमृतमयी वाणी से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया. महायज्ञ के अंतिम दिन यज्ञ मंडप की परिक्रमा और महिला श्रद्धालुओं द्वारा गाए जा रहे मांगलिक गीतों और वैदिक मंत्रोच्चारण से वातावरण गुंजायमान हुआ. 



तांत्रिक पं.विजय मिश्र (गिरिधर बरांव) ने जानकारी दी कि माँ काली की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित शतचंडी महायज्ञ के दौरान गांव और जवार के श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह और भक्तिपूर्ण माहौल देखने को मिला. महायज्ञ के अंतिम दिन यज्ञ स्थल पर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां काली की प्रसाद ग्रहण किया. इस दौरान देश के कोने-कोने से पधारे संत महात्माओं को अंगवस्त्र और दक्षिणा देकर विदाई की गई. 

शतचंडी महायज्ञ माँ काली की प्राण प्रतिष्ठा में गोलू सिंह, बृजकुमार सिंह, जय प्रकाश सिंह, वीरेंद्र भाई, शमशेर सिंह, पिंकू भाई, मदन यादव और नथुनी सिंह सहित पूरे ग्रामीणों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई. 


माँ काली की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन और पूजन को श्रद्धालुओं की भीड़ से भक्ति रस की अविरल धारा प्रवाहित हुई.
















Post a Comment

0 Comments