प्राकृतिक खेती किसानों के लिए हो सकती है बेहतर विकल्प : कृषि मंत्री

उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व को भी लोगों के समक्ष रखा और कहा कि एक देसी गाय के गोबर व मूत्र का प्रयोग कर लगभग 30 एकड़ क्षेत्र में खेती की जा सकती है. उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन पर भी चर्चा की साथ ही यह कहा कि फसल की कटाई के बाद फसल के अवशेष को जला दिया जाता है, जिससे कि मिट्टी बंजर होने के साथ-साथ वायुमंडल पर भी असर पड़ता है. 






- खरीफ महाअभियान के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे कृषि मंत्री
- कहा, किसानों तक पहुंचे सरकार के द्वारा जारी बजट


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : "सरकार की तरफ से विभाग के लिए निर्धारित बजट को पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंचाने के लिए सभी कृषि कर्मियों को मनोयोग कार्य करना होगा तभी कृषि के क्षेत्र में परिवर्तन संभव है." यह कहना है सूबे के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह का. मंत्री गुरुवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) की ओर से कला भवन में खरीद महाअभियान 2022 के तहत आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व को भी लोगों के समक्ष रखा और कहा कि एक देसी गाय के गोबर व मूत्र का प्रयोग कर लगभग 30 एकड़ क्षेत्र में खेती की जा सकती है. उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन पर भी चर्चा की साथ ही यह कहा कि फसल की कटाई के बाद फसल के अवशेष को जला दिया जाता है, जिससे कि मिट्टी बंजर होने के साथ-साथ वायुमंडल पर भी असर पड़ता है. 


इसके पूर्व खरीफ महाअभियान कर्मशाला का उद्घाटन उन्होंने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष विद्या भारती, भाजपा पंचायती प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश भुवन, भाजपा जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर, भाजपा के जिला परिषद सदस्य अरविंद प्रताप शाही, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सह निवर्तमान विधानसभा प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी, जदयू की महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष लता श्रीवास्तव, जदयू नेता संजय सिंह राजनेता समेत कई लोग मौजूद थे.

1.15 लाख हेक्टेयर में होगी खरीफ फसलों की खेती :

जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने इस दौरान कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1लाख15 हज़ार  हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती की जाएगी खरीफ मौसम में 3,032 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा 27 मई से 6 जून तक जिले के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय खरीफ महाअभियान का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान पटना से पहुंचे नोडल पदाधिकारी उप निदेशक उद्यान डॉ राजेश कुमार ने खरीद महाअभियान पर प्रकाश डाला. इस दौरान केवीके के प्रधान एवं वरीय वैज्ञानिक हरिगोविंद जायसवाल, मृदा विशेषज्ञ डॉ देवकरण, पादप सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ राम केवल, वास्तु विशेषज्ञ डॉ मांधता सिंह ने खरीफ फसल के बारे में तकनीकी जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन अमान अहमद ने किया.


















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