सबसे पहले भगवान परशुराम, अक्षय तृतीया एवं ईद पर्व के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए नई-नई बातों को बताते हुए राजपुरिया जी को उनकी पुस्तक पर बधाई दी.
- जंग बहादुर राजपुरिया की पुस्तक देश भक्ति की महिमा का हुआ विमोचन
- मौजूद वक्ताओं ने परशुराम जयंती अक्षय तृतीया एवं ईद के महत्व पर डाला प्रकाश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जनहित परिवार साहित्य मंडल बक्सर जिला के तत्त्वाधान में महान पितृ भक्त भगवान परशुराम जयंती, महान तिथि अक्षय तृतीया, पाकीजा पर्व ईद के साथ पुस्तक का विमोचन किया. आयोजित समारोह का भव्य उद्घाटन संरक्षक डॉ महेन्द्र प्रसाद एवं पत्रकार डॉ शशांक शेखर ने भगवान परशुराम के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करते हुए माल्यार्पण कर किया. अध्यक्षता वरीय अधिवक्ता व लेखक रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने किया. सर्वप्रथम जंग बहादुर राजपुरिया की पुस्तक "देश भक्त की महिमा" का विमोचन उपस्थित सभी महानुभवों ने बड़े ही जोशो-खरोश के साथ किया.
सभा में उपस्थित उद्घाटनकर्ता ने अपनी वाणी द्वारा सबसे पहले भगवान परशुराम, अक्षय तृतीया एवं ईद पर्व के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए नई-नई बातों को बताते हुए राजपुरिया जी को उनकी पुस्तक पर बधाई दी. उक्त समारोह में विशेष रूप डॉ शशांक शेखर के अतिरिक्त लक्ष्मण जायसवाल, गोविंद जायसवाल, रामाधार सिंह, अतुल मोहन प्रसाद, विनोधर ओझा उपस्थित रहे.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा० पवननन्दन ने सर्व प्रथम राजपुरिया जी को उनकी नई पुस्तक के लिए बधाई देते हुए कहा कि समस्त महापुरुष सार्वभौम होते हैं. वे देश की थाती होते हैं. हमारी विरासत होते हैं .
डॉ शशांक शेखर ने कहा कि भगवान परशुराम की महानता शब्दों में नहीं बांधी जा सकती है. वे महान पितृ भक्त थे. अपने पिता के एक आदेश पर अपनी मां की गर्दन काट दिये थे. धनुष यज्ञ में उनकी भगवान राम से भी भेंट हुई थी. अक्षय तृतीया पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महान पर्व है. इसी दिन गंगा धरती पर आई. प्रत्येक मांगलिक कार्य इसी दिन से विशेष कर शुरु किया जाता है. इस दिए किए अच्छे कर्म एवं दिया गया दान बहुत ही महत्वपूर्ण का होता है. ईद का पर्व भाईचारे का एवं सौहार्द का प्रतीक होता है.
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