तंबाकू निषेध दिवस : आम व खास सबने ली तंबाकू का सेवन न करने की शपथ ..

व्यवहार न्यायालय के विधिक सेवा सदन भवन में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा अपने कार्यालय कर्मियों, पैनल अधिवक्ताओं एवं पारा विधिक स्वयंसेवकों, आगन्तुकों तथा अन्य विभागीय पदाधिकारियों के साथ तंबाकू का सेवन कभी नहीं करने और लोगों को भी तंबाकू सेवन से रोकने का संकल्प लिया गया. 





- विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आयोजित किया गया था कार्यक्रम
- मौजूद रहे न्यायिक पदाधिकारी कई विभागों के अधिकारी व आमजन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार व्यवहार न्यायालय के विधिक सेवा सदन भवन में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा अपने कार्यालय कर्मियों, पैनल अधिवक्ताओं एवं पारा विधिक स्वयंसेवकों, आगन्तुकों तथा अन्य विभागीय पदाधिकारियों के साथ तंबाकू का सेवन कभी नहीं करने और लोगों को भी तंबाकू सेवन से रोकने का संकल्प लिया गया. 


मौके पर मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक आनंद घनश्याम, बिजली विभाग के सदर एसडीओ मोहम्मद सैयद अली एवं शिव कुमार, डॉ ओम प्रकाश केसरी को तंबाकू एवं तंबाकू से निर्मित किसी भी पदार्थ का सेवन ना करने की शपथ ली. 

इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद तंबाकू के उपयोग से जुड़े खतरे को उजागर करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को बढ़ावा देता है और सरकारों को ऐसी नीतियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है. जो धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों के उपयोग को कम करने में मदद करती हैं. 

डब्ल्यू एच ओ के मुताबिक, तंबाकू के सेवन से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग मरते हैं. किसी भी तरह के तंबाकू का सेवन करने से फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है और सांस की बीमारियों की गंभीरता बढ़ जाती है. तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस अलग थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम "पर्यावरण की रक्षा करें" है. इस साल की थीम पर्यावरण पर तंबाकू के प्रभाव पर केंद्रित है. 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें 7 अप्रैल, 1988 को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के रूप में घोषित किया गया. इस प्रस्ताव को इसलिए पारित किया गया ताकि लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का सेवन न करने के लिए प्रेरित किया जा सके. बाद में 1988 में, संगठन ने एक और प्रस्ताव पारित किया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाएगा.

मौके पर मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक श्री आनंद घनश्याम ने कहा कि तंबाकू सेवन से कैंसर, स्ट्रोक, और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर लोगों को तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए कई अभियान कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. यदि आप धूम्रपान छोड़ देते हैं तो आपको तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज हमारा देश, समाज आज जिस कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है, इस समय हम लोगों को अपना आपसी सौहार्द बनाए रखना है. किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन करने से भी बचना है एवं अपने आस-पड़ोस समाज में जो भी लोग तंबाकू एवं तंबाकू से निर्मित पदार्थों का सेवन करते हैं, उसके सामने खुद तंबाकू ना खा कर अपना अपना उदाहरण उनके समक्ष प्रस्तुत करता है. तंबाकू ना खाने के लिए उन्हें प्रेरित करना है ताकि हमारा समाज तंबाकू एवं तंबाकू से बने पदार्थों से होने वाली भयंकर बीमारियों से बच सके.

इस अवसर पर कार्यालय कर्मी सुधीर, सुमित, दीपेश, संजीव, सुनील, अकबर, मनोज कुमार पैनल अधिवक्ता श्रीमती दीपिका केसरी, कुमार मानवेन्द्र,  कुमारी अरुणिमा आनंद रंजना आदि , साथी पारा विधिक स्वयंसेवक श्री हरेराम यादव, गजेंद्र नाथ  दूबे, अविनाश कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे. कोरोना महामारी का ख्याल रखते हुए न्यायाधीश द्वारा सरकार द्वारा दिए गए कोविड-19 के अनुपालन हेतु नियम एवं शर्तों के अनुसार यह कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया.



















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