वीडियो : प्री-एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए बिहार के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही रवाना, अभियान के लिए मांगी मदद ..

उन्होंने कहा कि शायद सरकार और प्रशासन खेलों का महत्व नहीं समझ पा रही अन्यथा उन्हें मदद अवश्य मिलती. नंदन ने बताया कि पूर्व में भी उन्होंने तत्कालीन जिला पदाधिकारी राघवेंद्र सिंह से मिलकर अपने अभियान से जुड़ी फाइल सौंपी थी इसके बाद उन्होंने मदद करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन, अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी है.






- जिले के सरेंजा गांव के रहने वाले हैं नंदन चौबे
- 25 मई से शुरू करने वाले हैं माउंट सतोपंथ की चढ़ाई

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला के चौसा प्रखंड के रोशन सरेंजा गांव निवासी तथा प्रदेश के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही के रूप में ख्याति प्राप्त नंदन चौबे हाल ही में 6,387 ऊंची पर्वत की चोटी कलनाग पर फतह प्राप्त कर आए हैं. अगले वर्ष वह माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले हैं जिससे पूर्व प्री-एवरेस्ट कहे जाने वाले माउंट सतोपंथ 7075 मीटर की चढ़ाई के लिए 25 मई से वह अपनी चढ़ाई शुरू कर देंगे हालांकि अपने इस अभियान के लिए किसी प्रकार की प्रशासनिक मदद ना मिलने का उन्हें अफसोस भी है. 


बक्सर से प्रस्थान करते हुए बातचीत के दौरान उन्होंने यह बताया कि पर्वतारोहण सभी प्रकार के स्पोर्ट्स में सबसे खतरनाक है. पहाड़ की चढ़ाई शुरू करने के बाद कई तरह की परेशानियां सामने आती है दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है बावजूद इसके पर्वतारोहण के माध्यम से वह अपने जिले राज्य और देश का नाम रोशन करना चाहते हैं. वह न सिर्फ भारत और हिमालय बल्कि विश्व की अन्य सबसे ऊंची पहाड़ियों की चोटी पर भी फतह करना चाहते हैं. लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी है कि न सिर्फ चढ़ाई के दौरान उन्हें रणक्षेत्र का एहसास होता है बल्कि वापस लौटने के बाद भी अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है.


अभियान में बाधा बन रही पैसों की कमी : 

नंदन चौबे ने बताया कि अभियान के लिए उन्हें कम से कम डेढ़ लाख रुपये की आवश्यकता है लेकिन, काफी प्रयास के बाद वह केवल 60 हज़ार रुपये ही जुटा पाए हैं ऐसे में 25 मई तक यदि पैसों का इंतजाम नहीं हुआ तो शायद वह अपनी चढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि शायद सरकार और प्रशासन खेलों का महत्व नहीं समझ पा रही अन्यथा उन्हें मदद अवश्य मिलती. नंदन ने बताया कि पूर्व में भी उन्होंने तत्कालीन जिला पदाधिकारी राघवेंद्र सिंह से मिलकर अपने अभियान से जुड़ी फाइल सौंपी थी इसके बाद उन्होंने मदद करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन, अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी है. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि 25 मई को उनकी यात्रा शुरू होने से पूर्व उन्हें मदद करें ताकि वह एक बार फिर प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकें.

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