वीडियो : डुमरांव के वीर सपूतों को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, निकाली गई तिरंगा यात्रा ..

बताया कि अनुमंडल समेत समग्र बक्सर वासियों की चिर प्रतीक्षित चाहत थी कि इन शहीदों को राजकीय सम्मान के साथ पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए. आज प्रातः सादे समारोह में शहीद सपूतों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उधर, 151 मीटर लंबी तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें राजगढ़ चौक से निकलकर यह यात्रा पूरे नगर में भ्रमणशील रही. 





- 1942 में आजादी की लड़ाई के दौरान हो गए थे शहीद
- सीने पर गोलियां खाकर भी डुमरांव थाने पर फहराया था तिरंगा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : "शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मरने वालों का यही बाकी निशां होगा .." इन्हीं पंक्तियों को गुनगुनाते हुए आजादी की लड़ाई में डुमरांव के शहीद सपूतों के नाम डुमराँव स्थित शहीद स्मारक पर राजकीय समारोह आयोजित कर इन शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इन दौरान डुमरांव विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह, जिलाधिकारी अमन समीर के साथ डुमरांव एसडीएम कुमार पंकज, एएसपी राज उपस्थित रहे. आयोजन को लेकर अग्रणी भूमिका में रहे डुमरांव अनुमंडलाधिकारी कुमार पंकज ने बताया कि अनुमंडल समेत समग्र बक्सर वासियों की चिर प्रतीक्षित चाहत थी कि इन शहीदों को राजकीय सम्मान के साथ पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए. आज प्रातः सादे समारोह में शहीद सपूतों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उधर 151 मीटर लंबी तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया. राजगढ़ चौक से निकलकर यह यात्रा पूरे नगर में भ्रमणशील रही. तिरंगा यात्रा में अलग-अलग झांकियां भी शामिल थी. कार्यक्रम के दौरान वीर शहीद अमर रहे तथा भारत माता की जय नगर गुंजायमान हो गया. 


दरअसल, बिहार की राजधानी पटना के बाद डुमरांव के वीर सपूतों ने देश को जंग ए आजादी में शहादत देकर यहां के लोगो को गौरवान्वित किया था. सन् 1942 की जंग-ए-आजादी के दरम्यान 16 अगस्त को डुमरांव के चार वीर सपूतों कपिल मुनि, रामदास सोनार, गोपाल जी एवं रामादास लोहार ने एक साथ अंग्रेजी पुलिस के दारोगा देवमुनि सिंह की सर्विस रिवाल्वर की गोलियां सीने पर खाई और मातृभूमि की गोद में सदा के लिए सो गए थे. डुमरांव के इन चार सपूतों ने अपनी जान की आहुति तो दे दी, पर तिरंगे को डुमराँव थाने  पर फहराने में सफल रहे थे.

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