भोजपुरी में पीएचडी रिक्तियाँ शून्य किये जाने का हुआ विरोध, आन्दोलन की तैयारी ..

आह्वान किया कि भोजपुरी विभाग को हिंदी से स्वतंत्र अलग विभाग और उच्च अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित हो इसके लिए आंदोलन होगा. सदस्यों ने इस पर सहमति व्यक्त की और कहा कि अंगीभूत कॉलेजों में स्नातक स्तर की पढ़ाई और भोजपुरी विषय के शिक्षकों की बहाली पर सरकार को अवगत कराया जाएगा. 



- कुलपति द्वारा निर्णय न लेने पर आंदोलन का हुआ निर्णय
- फिजिकल तथा वर्चुअल मोड में एक साथ आयोजित हुई बैठक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर/आरा: भोजपुरी छात्र संघ और भोजपुरी संघर्ष वाहिनी के सदस्यों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई. यह बैठक फिजिकल और वर्चुअल दोनों मोड में हुई जिसमें पूरे प्रदेश के पूर्ववर्ती छात्र तथा भोजपुरी के सुधि जन शामिल हुए. बैठक में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के द्वारा भोजपुरी विषय में सत्र-2020 की प्री-पीएचडी प्रवेश परीक्षा में रिक्तियों को शून्य किये जाने का विरोध हुआ. बैठक की शुरुआत में पूर्व छात्र और भोजपुरी आंदोलन से जुड़े स्यंदन सुमन तथा चन्द्रकान्त "निराला" ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के अकादमिक कौंसिल द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि हिंदी की कुल रिक्तियों का 25 प्रतिशत भोजपुरी के लिए आरक्षित रहेगा. पूर्व में भी ऐसा होता आया है जिससे कि बक्सर आरा समेत पूरे प्रदेश के छात्र लाभान्वित होते हैं. मगर 2020 सत्र में हिंदी के लिए छह रिक्तियों में से कोई भी सीट भोजपुरी को नहीं दी गई. जबकि भौतिकी और वाणिज्य की 25 प्रतिशत सीटों को कंप्यूटर और मैनेजमेंट के लिए आरक्षित किया गया है. राघव कुमार ने कहा कि भोजपुरी विभाग में कभी नामांकन तो कभी पीएचडी हमेशा से सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन सौतेला व्यवहार करता रहा है और भोजपुरी भाषी जनता यह स्वीकार नहीं करेगी.



भोजपुरी संघर्ष वाहिनी के मनोज सिंह ने कहा कि विश्व के एकमात्र स्नातकोत्तर भोजपुरी विभाग के जरिये विश्वविद्यालय को नैक में अच्छी ग्रेडिंग हासिल हो सकती है मगर विश्वविद्यालय प्रशासन संवेदनहीन दिख रहा है. रमेश कुमार ने आह्वान किया कि भोजपुरी विभाग को हिंदी से स्वतंत्र अलग विभाग और उच्च अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित हो इसके लिए आंदोलन होगा. सदस्यों ने इस पर सहमति व्यक्त की और कहा कि अंगीभूत कॉलेजों में स्नातक स्तर की पढ़ाई और भोजपुरी विषय के शिक्षकों की बहाली पर सरकार को अवगत कराया जाएगा. बैठक को रवि प्रकाश सूरज, भुटेली जी, रवि रंजन कुशवाहा, राणा रिशु सिंह, रौशन कुमार, सुमित सिंह ने भी सम्बोधित किया और सभी सदस्यों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कुलपति और छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष को सौंपे जाने का निर्णय हुआ.

सदस्यों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि भोजपुरी विभाग में पीएचडी रिक्तियों के मामले में अगर कुलपति द्वारा जल्द ही संज्ञान नहीं लिया गया तो भोजपुरी भाषी जनता आंदोलन को बाध्य होगी. बैठक में अंकुल सिंह, अंकित, डोमन भगत, अभिषेक, रोहित सहित कई छात्र उपस्थित थे.

















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