भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ अभिकर्ता मो फिरोज खान ने बताया कि आहिल उनके छोटे भाई के पुत्र हैं. वह बचपन से ही मेधावी हैं. उन्होंने पूर्व में जूनियर साइंस ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड तथा एनटीएसई स्कॉलरशिप प्राप्त की है.
- नया भोजपुर के आहिल खान को मिला ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 17 वां रैंक
- ऑल इंडिया रैंकिंग में आहिल को 220 जबकि हेमंत पाठक को मिला 472 वां स्थान
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जेईई एडवांस में बक्सर के बच्चों ने सफलता का परचम लहरा दिया है. डुमरांव अनुमंडल के नया भोजपुर निवासी तथा बगेन के अमीर प्लस टू उच्च विद्यालय मी का रेट शिक्षक मोहम्मद फरियाद खान तथा गृहणी सनूबर परवीन के पुत्र आहिल खान में जेईई एडवांस में राष्ट्रीय स्तर पर 220 वां स्थान प्राप्त किया है. जबकि ई डब्ल्यू एस कैटेगरी में 17 वां स्थान प्राप्त किया है. आहिल की शानदार रैंकिंग की वजह से उनका नामांकन अब आई आई टी, मुंबई में होगा.
आहिल की प्रारंभिक शिक्षा जिले के नावानगर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई है. मैट्रिक में इन्हें 90 फीसद अंक प्राप्त हुए थे जिसके बाद 11वीं तथा 12 वीं की पढ़ाई के लिए वह कोटा चले गए. इंटरमीडिएट में 95.6 फीसद अंक प्राप्त हुए. कोटा में उन्होंने रिलायबल इंस्टीट्यूट पढ़ाई की. भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ अभिकर्ता मो फिरोज खान ने बताया कि आहिल उनके छोटे भाई के पुत्र हैं. वह बचपन से ही मेधावी हैं. उन्होंने पूर्व में जूनियर साइंस ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड तथा एनटीएसई स्कॉलरशिप प्राप्त की है. आहिल ने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों माता-पिता तथा परिवार के सदस्यों को दिया है. आहिल ने बताया कि माता पिता उन्हें पढ़ने के लिए लगातार प्रेरित करते हैं. इसके अतिरिक्त परिवार के सदस्य भी उनकी हर सफलता पर उनका हौसला बढ़ाते हैं.
सिमरी के हेमंत ने भी मनवाया प्रतिभा का लोहा :
सिमरी प्रखंड के दादा बाबा के डेरा गांव निवासी किसान सुरेश पाठक के सबसे छोटे पुत्र हेमंत पाठक ने जेईई एडवांस में राष्ट्रीय स्तर प 4063 तथा ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 472 वां स्थान प्राप्त किया है. हेमंत की प्रारंभिक शिक्षा पब्लिक स्कूल नियाज़ीपुर से कक्षा छह तक हुई. बाद में उन्होंने डीएवी पब्लिक स्कूल डुमरांव से दसवीं तक की पढ़ाई की इसके बाद से 12 वीं के लिए उनका आकाश कोचिंग में इनका सिलेक्शन स्कॉलरशिप पर हुआ. हेमंत आईआईटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना चाहते हैं. यह बचपन से ही बहुत ही प्रतिभावान और मेधावी छात्र रहे हैं. हालांकि, अपनी सफलता का श्रेय यह अपने किसान पिता तथा अपनी माता और गुरुजनों को देते हैं. उन्होंने कहा कि उनके बड़े भाइयों के द्वारा पढ़ाई के लिए उन्हें लगातार प्रेरित किया जाता रहता है.
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