विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों के वैज्ञानिक आविष्कार देख बड़ों ने दांतो तले दबाई अंगुलियां ..

कहा कि विज्ञान के आविष्कार से ही छात्रों में अलग प्रतिभा का उजागर होता है. इससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ब्रजेश राय ने छात्रों को संबोधित कर कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. 





- राजपुर प्रखंड के तियरा प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित था कार्यक्रम 
- स्कूली बच्ची बनाया भूकंप से बचाव का यंत्र 

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : राजपुर प्रखंड के तियरा प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में शनिवार को प्रखंड स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. शिक्षा विभाग के निर्देश पर बच्चों में प्रतिभा के निखार को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न मध्य विद्यालय एवं उच्च विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने इसमें भाग लिया. जिसके लिए दो श्रेणियों में यह प्रतियोगिता कराई गयी. 




वर्ग छह से आठ में आयोजित क्विज प्रतियोगिता में मध्य विद्यालय नागपुर की छात्रा मोनिका कुमारी प्रथम, मध्य विद्यालय गोगौरा का छात्र रंजीत कुमार द्वितीय एवं कन्या मध्य विद्यालय अमरपुर का छात्र अजीत कुमार तृतीय स्थान पर रहा. विज्ञान प्रदर्शनी में मध्य विद्यालय छतवना की छात्रा सलोनी कुमारी प्रथम स्थान पर रही. जिसने अपने विज्ञान प्रदर्शनी में भूकंप से बचाव के यंत्र बनाकर यह बताने का प्रयास किया कि भूकंप आते ही यंत्र से सायरन की आवाज बजने लगती है. जिससे लोग सुनकर बड़े हादसे से बच सकते हैं.


मध्य विद्यालय गोगौरा की छात्रा अमीषा कुमारी द्वितीय एवं मध्य विद्यालय बहुआरा का छात्र मनोरंजन कुमार तृतीय स्थान पर रहा. वर्ग नौ से 10 में विज्ञान प्रदर्शनी में चांदनी कुमारी प्रथम स्थान पर रही. इन सभी छात्र छात्राओं को शिक्षा विभाग के तरफ से मोमेंटो एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर पूर्व बीआरपी विनोद पांडेय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान के आविष्कार से ही छात्रों में अलग प्रतिभा का उजागर होता है. इससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ब्रजेश राय ने छात्रों को संबोधित कर कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. 

पढ़ने वाले बच्चे पढ़ने के बाद स्वयं अपने दिमाग से कुछ नया करने की चाहत रखते हैं.जिसकी चाहत आविष्कार का जन्म लेता है. विज्ञान की प्रदर्शनी लगाकर बच्चों ने यह साबित कर दिया कि अभी भी किसी प्रकार की आपदा से बचाव या अन्य कार्यों के लिए यंत्रों का सहारा लिया जा सकता है. इस मौके पर विभिन्न स्कूलों से आए शिक्षक भी मौजूद रहे.







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