कानून के प्रति हर व्यक्ति को जागरूक करने के लिए न्यायालय में लगी प्रदर्शनी ..

कहा कि 9 नवम्बर "राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस" समाज के वंचित वर्ग के लोगों को नि:शुल्क न्याय प्राप्ति के लिए सहायता एवं समर्थन जुटाने के लिए मनाया जाता है. कानूनी विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 11 अक्टूबर 1987 को लागू किया गया था. जबकि अधिनियम 9 नवम्बर 1995 को प्रभावी हुआ था. इस दिन की शुरुआत भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1995 में समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी. 







- राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के मौके पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
- दिव्यांग जनों के बीच ट्राईसाईकिल का हुआ वितरण
- विधिक जागरूकता रथ भी हुआ रवाना

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना एवं नालसा के निर्देश पर पैन इंडिया जागरूकता कार्यक्रम के तहत बुधवार को व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में एक मेगा विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके साथ ही साथ राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर कार्यालय भवन में एक प्रदर्शनी का भी भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार अंजनी कुमार सिंह ने किया. मौके  न्यायाधीश द्वारा सरवन यादव, नथुनी यादव, राजकुमार गुप्ता, जैसन अंसारी, ताराचंद चौहान नामक चार दिव्यांग जनों को ट्राई साइकिल एवं अन्य सामान दिया गया. 





मौके पर जिला न्यायाधीश ने कहा कि 9 नवम्बर "राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस" समाज के वंचित वर्ग के लोगों को नि:शुल्क न्याय प्राप्ति के लिए सहायता एवं समर्थन जुटाने के लिए मनाया जाता है. कानूनी विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 11 अक्टूबर 1987 को लागू किया गया था. जबकि अधिनियम 9 नवम्बर 1995 को प्रभावी हुआ था. इस दिन की शुरुआत भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1995 में समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी. यह एक कमजोर और गरीब लोगों के समूह को सहायता देने के लिए एक जनादेश के साथ स्थापित किया गया था. जो महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, बच्चों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, मानव तस्करी, पीड़ितों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के शिकार भी हो सकते हैं. नालसा द्वारा कई प्रकार की कानूनी सेवाओं को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है जिससे समाज के हासिए पर रह रहे लोगों को दीवानी, फौजदारी, राजस्व या अन्य मामलों में मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध हो सके या वे अपने मामलों की सुनवाई के लिए अधिवक्ता की निःशुल्क सेवाएं ले सके. 

कार्यक्रम के अगले चरण में धर्मेंद्र कुमार तिवारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर द्वारा विधिक जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. यह जागरूकता रथ जिले के विभिन्न स्थानों चौक-चौराहों पर जाकर विधिक सेवा के उद्देश्य एवं उसके लाभ के बारे मे आमजन इसका लाभ कैसे ले सकते हैं इसके बारे में भी लोगों को बताया जाएगा. मौके पर व्यवहार न्यायालय, बक्सर के सभी न्यायाधीश, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, बबन ओझा, सचिव, बिंदेश्वरी पांडेय, सभी पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयंसेवक कार्यालय कर्मचारी आदि मौजूद रहें.

नालसा द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाली सेवाएं निम्नवत है :         

अधिवक्ताओं द्वारा कानूनी कार्यवाही में सहयोग, विवादों की कार्यवाही,अपील का ज्ञापन, कानूनी कार्यवाही में दस्तावेजों की छपाई और अनुवाद, वैधानिक दस्तावेज तैयार करना, किसी भी अदालत या प्राधिकरण या ट्रिब्यूनल के समक्ष किसी भी मामले या अन्य कानूनी कार्यवाही के संचालन में अपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवा को उपलब्ध करवाना,किसी कानूनी मामले पर सलाह देना.  उन्होंने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम में प्रदर्शनी लगाने का मुख्य उद्देश्य  हम लोगों का यह था कि इस विधिक सेवा सदन में एक छत के नीचे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के सभी जन कल्याणकारी योजनाओं साथ ही विधिक सेवा के उद्देश्य के बारे में लोगों को जानकारी प्राप्त हो सके. वह हमारे कार्यालय में अगर आते हैं तो उन्हें यहां सभी तरह के योजनाओं के बारे में उन्हें पता चल जाए.







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