रेल यात्रियों की जान पर भारी रहा 2022, बक्सर और आसपास मौतों की संख्या में 22 फीसद इजाफा ..

ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब रेलवे की इस नसीहत को रेलयात्री मानते हो. नतीजा यह होता है कि साल दर साल ट्रेन से गिरकर अथवा उसकी चपेट में आकर रेल यात्रियों की जान जाने की संख्या में इजाफा होता रहता है.





- लापरवाही पड़ रही जान पर भारी, जीआरपी ने जारी किए डराने वाले आंकड़े
- आरपीएफ के साथ मिलकर जागरूकता अभियान तेज करेगी रेल यात्री कल्याण समिति

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : एक तरफ जहां रेलवे यात्रियों की जागरूकता के लिए हर साल विज्ञापनों तथा जागरूकता कार्यक्रमों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है. वहीं दूसरी तरफ कभी मजबूरी हो तो कभी अपनी लापरवाही के कारण रेलयात्री सुरक्षा के उपायों को नहीं अपनाते और असमय काल के गाल में समा जाते हैं. रेलवे के द्वारा नियमित रूप से अभियान चलाकर लोगों के बीच यह जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है कि वह रेल यात्रा के दौरान ट्रेन की गेट पर बैठकर यात्रा ना करें साथ ही उनसे यह भी कहा जाता है कि चलती ट्रेन पर चढ़ने या उससे उतरने की कोशिश ना करें. लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब रेलवे की इस नसीहत को रेलयात्री मानते हो. नतीजा यह होता है कि साल दर साल ट्रेन से गिरकर अथवा उसकी चपेट में आकर रेल यात्रियों की जान जाने की संख्या में इजाफा होता रहता है. वर्ष 2022 के अंत में राजकीय रेल पुलिस के द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक इस वर्ष जीआरपी बक्सर के क्षेत्राधिकार में ट्रेन की चपेट में आकर हुई मौतों की संख्या पिछले वर्ष से लगभग 22 फीसद ज्यादा है. पिछले वर्ष जहां 72 रेल यात्रियों की मौत ट्रेन से गिरने की वजह से हो गई थी वही इस बार यह संख्या 92 हो गई है.

तीन महीने में ही सोलह लोगों की गई जान :

जीआरपी थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव के मुताबिक इस वर्ष के पिछले तीन महीनों अक्टूबर-नवंबर और दिसंबर में ही कुल 16 लोगों की जान ट्रेन से गिरकर अथवा ट्रेन की चपेट में आकर हो गई है. इनमें से अधिकांश रेलयात्री थे जो कि ट्रेन के गेट पर बैठकर सफर करने अथवा चलती ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश में ट्रेन की चपेट में आ गए. हालांकि यह संख्या पिछले वर्ष के इन तीन महीनों की तुलना में पूरी कम है क्योंकि उस समय यह संख्या 22 थी. लेकिन पूरे वर्ष की बात करें तो उस हिसाब से इस वर्ष में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है.

आरपीएफ के जवानों की नसीहत को भी अनदेखा करते हैं रेल यात्री :

रेलवे सुरक्षा बल के स्थानीय प्रभारी निरीक्षक दीपक कुमार बताते हैं कि रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा ट्रेनों में लगातार यात्रियों को यह जागरूक किया जाता है कि वह ट्रेन के गेट पर बैठकर यात्रा ना करें. ट्रेनों के निरीक्षण के दौरान खास तौर पर यह ध्यान रखा जाता है कि जब ट्रेन प्लेटफार्म से निकल जाए तो गेट को बंद कर दिया जाए लेकिन, अक्सर यह देखा जाता है कि लोग ट्रेन की गेट पर बैठकर हवा खोरी करते हुए यात्रा करते हैं. यह उनके जीवन के लिए तो खतरनाक होता ही है साथ ही साथ उनके परिजनों चाहने वालों के लिए भी और समय दुख का कारण बनता है, क्योंकि यही वह मुख्य कारण है जिससे कि ट्रेनों से गिरकर यात्रियों की मौत होती है.

रेलयात्री कल्याण समिति ने बताया एक और मुख्य कारण, कहा - चलाएंगे जागरूकता अभियान : 

रेलयात्री कल्याण समिति के कृष्ण बिहारी चौबे और सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि अक्सर यह देखा जाता है कि अनाधिकृत वेंडर ट्रेनों की गेट पर सब्जी आदि की टोकरी लाद देते हैं. टुड़ीगंज आदि रेलवे स्टेशन से बक्सर तथा अन्य स्थानों पर आने के लिए यह वेंडर ट्रेन की गेट पर ही कब्जा जमा लेते हैं. ऐसे में आम रेल यात्रियों को परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य ट्रेनों में भी अक्सर पायदान पर बैठकर रेलयात्री अपनी यात्रा करते हैं. नए साल में रेल यात्री कल्याण समिति के द्वारा भारत के साथ मिलकर ऐसे लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.














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