जेल के अधिकारी भी सुरक्षा का हवाला देते हुए ज्यादा समय मंदिर बंद ही रखते हैं. ऐसे में बक्सर जहां भगवान वामन का जन्मस्थान भी है वहां उनका जेल की चहारदीवारी के अंदर कैद रखना उचित नहीं हैं. इससे लाखों लोगो की आस्था पर चोट पहुंचती है.
- नवोदय विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक विमला शंकर मिश्र ने दायर की है जनहित याचिका
- डीएम, एसपी तथा जेल अधीक्षक को भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने किया था तलब
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भगवान वामन जन्म भूमि मुक्ति अभियान के सदस्यों ने सेंट्रल जेल परिसर के अंदर स्थित भगवान वामनेश्वर मंदिर को जेल परिसर से अलग कर उसकी घेराबंदी कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज करने वाले नवोदय विद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षक विमला शंकर मिश्रा से मुलाकात कर इस पुनीत कार्य के लिए आभार प्रकट किया और अपना समर्थन व्यक्त कर उन्हें जेल परिसर में बंद मंदिर से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया.
विमला शंकर मिश्र से मिलने पहुंचने वाले समिति के मीडिया प्रभारी राघव कुमार पांडेय तथा अभिषेक ओझा ने बताया कि लाखों बक्सर वासियों की आस्था भगवान वामन से जुड़ी हुई है. जिनके दर्शन करने प्रतिदिन श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं. लेकिन मंदिर का गेट एक निश्चित समय सीमा पर ही खुलता है , जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है. कई लोग बिना दर्शन किए हुए लौट जाते हैं. जेल के अधिकारी भी सुरक्षा का हवाला देते हुए ज्यादा समय मंदिर बंद ही रखते हैं. ऐसे में बक्सर जहां भगवान वामन का जन्मस्थान भी है वहां उनका जेल की चहारदीवारी के अंदर कैद रखना उचित नहीं हैं. इससे लाखों लोगो की आस्था पर चोट पहुंचती है.
न्यायालय ने जिला पदाधिकारी को भी किया था तलब :
बता दें कि सेवानिवृत्त शिक्षक याचिकाकर्ता विमला शंकर मिश्र ने 140 वर्ष पुराने भगवान वामनेश्वर मंदिर को जेल परिसर से अलग करने के लिए जनहित याचिका दायर की थी जिसके आधार पर उच्च न्यायालय ने जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, जेल अधीक्षक को सम्मन जारी किया था तथा उनसे यह जानकारी प्राप्त की थी कि किस प्रकार जेल की सुरक्षा में व्यवधान उत्पन्न किए बगैर मंदिर को जेल परिसर से अलग किया जा सकता है.
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