अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष पूर्व से लेकर अधिसूचना की तिथि तक के उच्चतर 50 प्रतिशत औसत मूल्य (छद्म आंकड़ों को छोड़कर) का चार गुना मुआवजा राशि प्रत्येक सन्निहित मौजों में दर निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित की गई है. इसके अतिरिक्त अधिसूचना की तिथि से लेकर अवार्ड घोषित करने की तिथि तक 12 फीसद सालाना ब्याज भी मुआवजा राशि में जोड़ा गया है.
- थर्मल पावर प्लांट में उपद्रव के बाद डीएम ने स्पष्ट की स्थिति
- कहा - 4 गुना मुआवजा और 12 फीसद ब्याज भी दे रही सरकार
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : विगत कुछ दिनों में चौसा थर्मल पावर प्लांट से संबंधित रेल कॉरिडोर एवं वाटर पाइप लाइन हेतु भू अर्जन मुआवजा को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि उक्त भू अर्जन में मुआवजा राशि वर्ष 2013-14 के खरीद बिक्री दर से दी जा रही है. लेकिन ऐसा नहीं है. उन्हें 2021 के दर से मुआवजा का भुगतान किया जा रहा है यह कहना है जिला पदाधिकारी अमन समीर का.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि चौसा थर्मल पावर से संबंधित रेल कॉरिडोर एवं वाटर पाइप लाइन में मुआवजा राशि की गणना बिहार भू अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत की गई है. रेल कॉरिडोर हेतु भूमि मुआवजे की राशि की गणना उक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर निर्धारण कमेटी द्वारा अधिसूचना की तिथि दिनांक 10 अप्रैल 2021 से तीन वर्ष पूर्व की तिथि अर्थात 11 अप्रैल 18 की तिथि के बीच में निबंधन कार्यालय में उपलब्ध मौजावार उक्त अवधि के खरीद बिक्री के आंकड़ों के आधार पर की गई है.
50 फीसद उच्चतम दर से खरीदी और बेची गई जमीनों के एमवीआर का निकाला गया औसत :
उन्होंने और भी विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्ष 2018 से वर्ष 2021 के बीच में उस क्षेत्र में जो भी जमीन बेची और खरीदी गई है उन सब में 50 फीसद उच्चतम दर से खरीदी और बेची गई जमीनों की एमवीआर का औसत निकाला गया है. जिसके अनुरूप भूमि दाताओं को को भुगतान किया जा रहा है. इसी प्रकार से वाटर कॉरिडोर में भूमि मुआवजे की राशि की गणना दर निर्धारण कमेटी द्वारा अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि 24 सितंबर 2020 से तीन वर्ष पूर्व 25 मार्च 2017 की तिथि के बीच में निबंधन कार्यालय में उपलब्ध मौजावार खरीद बिक्री के आंकड़ों के आधार पर की गई है.
छद्म आंकड़ों को हटाते हुए की गई है गणना, 12 फीसद ब्याज के साथ दिया जा रहा है चार गुणा मुआवजा :
बिहार भू अर्जन अधिनियम के आलोक में दर निर्धारण में खरीद बिक्री के आंकड़ों में छद्म आंकड़ों(एमवीआर का दो गुना से अधिक) को छोड़ते हुए उच्चतर 50 फीसद को शामिल किया गया है. इन उच्चतर 50 फीसद खरीद-बिक्री के आंकड़ों का औसत मूल्य दर का निर्धारण किया गया है. उक्त तरीके से निकाले गए दर को दो गुणक करते हुए अतिरिक्त 100 फीसद सोलेशियम राशि जोड़ते हुए मुआवजा राशि दी गई है, जो उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार है. अर्थात अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष पूर्व से लेकर अधिसूचना की तिथि तक के उच्चतर 50 प्रतिशत औसत मूल्य (छद्म आंकड़ों को छोड़कर) का चार गुना मुआवजा राशि प्रत्येक सन्निहित मौजों में दर निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित की गई है. इसके अतिरिक्त अधिसूचना की तिथि से लेकर अवार्ड घोषित करने की तिथि तक 12 फीसद सालाना ब्याज भी मुआवजा राशि में जोड़ा गया है.
स्थानीय लोगों को हर हाल में दिया जाएगा रोजगार :
उन्होंने पावर प्लांट में स्थानीय लोगों के रोजगार दिए जाने के सवाल पर भी गंभीरता दिखाते हुए कहा कि इसके बारे में पावर प्लांट के अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी और स्थानीय लोगों को प्लांट में रोजगार मिले यह भी सुनिश्चित कराया जाएगा. हालांकि उन्हीं के पहल पर यहां लार्सन एंड टूब्रो के द्वारा एक प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है जहां और कुशल श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कुशल बनाया जाता है. इन्हीं कुशल श्रमिकों को बाद में आवश्यकतानुसार पावर प्लांट पर नौकरी दी जाएगी. प्रशिक्षण का उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाता है. खास बात यह है कि उनसे यहां प्रशिक्षण का शुल्क नहीं लिया जाता और उनके साथ ही यह बाध्यता नहीं है कि वह यही नौकरी कर सकते हैं. वह यदि किसी और कंपनी में कहीं और नौकरी करना चाहते हैं तो वहां भी इसी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर सकते हैं.
कैंप में आकर अभी ले सकते हैं मुआवजा :
जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वह हर हाल में किसानों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित भू-धारकों से यह अनुरोध है कि वह मुआवजे की राशि हेतु आवेदन अंचल कार्यालय चौसा स्थित कैंप अथवा जिला भू अर्जन कार्यालय बक्सर में मुआवजा भुगतान हेतु अपना आवेदन दे सकते हैं. उन्हें एमवीआर का चार गुना अधिक भुगतान किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसानों को अब भी आपत्ति है तो वह आपत्ति के साथ मुआवजा ले सकते हैं और अतिरिक्त मुआवजे के लिए अपील में जा सकते हैं.
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