वर्तमान में अब स्वास्थ्य विभाग के पास कोविड-19 की एक भी डोज़ नहीं है. यूं तो अधिकारी यह कहते हैं कि जो वैक्सीन एक्सपायर हुई है उसके बदले नई वैक्सीन कंपनी के द्वारा मिल जाएगी. लेकिन नई वैक्सीन कब तक आएगी इसका कोई अता-पता नहीं है.
- संक्रमण से लड़ाई के बीच सामने आई स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी विफलता
- रुक गया है वैक्सीनेशन का कार्य, नई वैक्सीन आने का इंतजार
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नए साल में कोरोना संक्रमण एक बार फिर अपने पांव पसार रहा है. देश में भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. सिविल सर्जन का कहना है कि बक्सर में कोरोनावायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. लेकिन इसी बीच स्वास्थ विभाग के द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है जिसमें यह बताया गया है कि जिस कोविड-19 वैक्सीन के सहारे हम संक्रमण को मात देने की बात कर रहे हैं उसकी दो हज़ार डोज़ रखे-रखे एक्सपायर कर गई. जबकि जिले में अब तक केवल 70 फीसद लोग ही वैक्सीनेटेड हुए हैं जबकि 66 फीसद लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज़ दी जानी है.
तो क्या संक्रमण को लेकर लापरवाह हो गए थे लोग?
ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रभाव कम हो जाने के बाद वर्ष 2022 में टीका करण कर्मियों के साथ-साथ टीका लगवाने वाले लोगों में भी जागरूकता की कमी आई थी या यूं कहें कि लोग लापरवाह हो गए थे ऐसे में बूस्टर डोज लगवाने के लिए भी लोग सामने नहीं आ रहे थे इसी बीच जब दिसम्बर महीने में कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ सेवन ने देश साथ साथ बिहार में दस्तक दी, तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया और आनन-फानन में कोरोना की वैक्सीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाई गई वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मी कुछ समझ पाते उससे पहले ही 31 दिसम्बर 2022 को कोवैक्सिन के दो हजार बूस्टर डोज एक्सपायर कर गए.
बचाव के लिए नहीं है स्वास्थ्य विभाग के पास कोई सुरक्षा कवच :
बक्सर में अभी कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन वर्तमान में अब स्वास्थ्य विभाग के पास कोविड-19 की एक भी डोज़ नहीं है. यूं तो अधिकारी यह कहते हैं कि जो वैक्सीन एक्सपायर हुई है उसके बदले नई वैक्सीन कंपनी के द्वारा मिल जाएगी. लेकिन नई वैक्सीन कब तक आएगी इसका कोई अता-पता नहीं है. ऐसे में अब जिले के लोगों के पास संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की जगह केवल जागरूकता ही एकमात्र रास्ता बचा है.
कहते हैं सिविल सर्जन :
जिले में 70 फीसद लोगों को कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेटेड किया जा चुका है. 66 फीसद लोगों ने बूस्टर डोज भी ले ली है. हमारे यहां को वैक्सीन की दो हजार से अधिक डोज़ थी, जिसे लोगों को दिया जा सकता था. लेकिन अधिकांश लोगों ने कोविशिल्ड वैक्सीन ली है. ऐसे में ना तो उन्हें दूसरी और ना ही बूस्टर डोज के रूप में को वैक्सीन दी जा सकती है. इसी कारण वैक्सीन की यह खेप एक्सपायर हो गई है. फिलहाल जब तक नई वैक्सीन नहीं आती तब तक वैक्सीनेशन का कार्य ठप रहेगा.
जितेंद्र नाथ,
सिविल सर्जन
वीडियो :
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