वीडियो : मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित पोखर की सभी मछलियों की मौत, मत्स्य पालक को भारी नुकसान ..

मछलियों की अचानक हुई इस मृत्यु के बाद मत्स्य पालकों में दहशत का माहौल कायम हो गया है. उनका कहना है कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है. मामले में मत्स्य विभाग के पदाधिकारी का यह कहना है कि पानी में गंदगी तथा किसानों जागरूकता के अभाव के कारण इस तरह की घटना सामने आई है. 




- जिला मुख्यालय स्थित विश्राम सरोवर में भी मरी मछलियां
- पानी में गंदगी तथा ऑक्सीजन की कमी माना जा रहा कारण

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : चक्की प्रखंड के हेनवा गांव में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के द्वारा उद्घाटित पोखर में तकरीबन 5 क्विंटल मछलियां मर गई हैं. जिससे कि मत्स्य पालक को लगभग 75 हज़ार रुपये का नुकसान हुआ है. ठीक इसी तरह की घटना जिला मुख्यालय के विश्राम सरोवर में भी देखने को मिली वहां भी दो से ढाई क्विंटल मछली की मौत हो गई है. मछलियों की अचानक हुई इस मृत्यु के बाद मत्स्य पालकों में दहशत का माहौल कायम हो गया है. उनका कहना है कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है. मामले में मत्स्य विभाग के पदाधिकारी का यह कहना है कि पानी में गंदगी तथा किसानों जागरूकता के अभाव के कारण इस तरह की घटना सामने आई है. समय रहते उपाय करने पर इस तरह की घटना सामने नहीं आती.

दरअसल चक्की प्रखंड के हेनवा गांव में तालाब की सभी मछलियां अचानक मर गई. इस घटना के दूसरे ही दिन बक्सर नगर के विश्राम सरोवर में भी मछलियों के मरने की घटना सामने आई. मत्स्य पालकों तथा ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि किसी ने उन्हें जहर दे दिया है, लेकिन मत्स्य प्रसार पदाधिकारी प्रसून कुमार का यह कहना है कि ऐसा नहीं है मछलियों की मृत्यु ऑक्सीजन की कमी से हुई है. और यह इसलिए हुआ है कि हेनवा में जरूरत से ज्यादा मछलियां एक ही पोखर में रखी गई थी वहीं दूसरी तरफ गंदे पानी की गंदगी के कारण भी पानी में ऑक्सीजन की कमी हो गई. हालांकि समय रहते उसका उपचार किया जाता तो शायद मछलियों की मृत्यु नहीं होती.

पोखर की सफाई के नाम पर लाखों रुपयों का खर्च लेकिन बहता है नाली का पानी : 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जिस पोखर का उद्घाटन किया गया उसके साफ सफाई के नाम पर तकरीबन 19 लाख रुपये का खर्च किया गया वहीं बक्सर में भी विश्राम सरोवर की सफाई के नाम पर तकरीबन साढ़े 12 लाख रुपये का खर्च किया गया है. लेकिन अभी आसपास के घरों की नालियों का गंदा पानी पोखर में ही आकर गिरता है. ऐसे में आआ सिर्फ किया मछलियों के मृत्यु का कारण बनता है बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी कई तरह के रोग होने की आशंका बनी रहती है.

जिले में मत्स्य पालन को को प्रोत्साहित किए जाने की है योजना :

बता दें कि जिले में मत्स्य पालन के लिए जहां किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत भी पोखर आदि के निर्माण तथा पुराने पुत्रों को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ-साथ मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही है. इसी के तहत मत्स्य पालकों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में हेनवा तथा बक्सर के विश्राम सरोवर में भी मत्स्य पालकों के द्वारा मछली पालन किया गया है.

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