कहा कि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार जिले के राइस मिल संचालकों को 79 प्रतिशत उसना एवं 21 प्रतिशत अरवा चावल देना है. इसके लिए प्रति राइस मिल पर 15-20 पैक्सों को सम्बद्ध किया गया है, जबकि, उसना चावल के लिए जिले में मात्र तीन राइस मिल हैं.
- जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय में बैठक के दौरान रखी बात
- धान अधिप्राप्ति में भी आ रही परेशानी, गुणवत्ता खराब होने का अंदेशा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय में पैक्स अध्यक्षों की बैठक हुई. जिसमें पैक्सों ने राइस मिल संचालकों की मनमानी की शिकायत करते हुए धान अधिप्राप्ति में आ रही समस्याओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान पैक्स अध्यक्षों ने कहा कि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार जिले के राइस मिल संचालकों को 79 प्रतिशत उसना एवं 21 प्रतिशत अरवा चावल देना है. इसके लिए प्रति राइस मिल पर 15-20 पैक्सों को सम्बद्ध किया गया है, जबकि, उसना चावल के लिए जिले में मात्र तीन राइस मिल हैं. इन मिलों द्वारा रजिट्रेशन के दौरान चावल देने की क्षमता को बढ़ाकर दर्शाए जाने के चलते एक मिल पर अधिक पैक्सों को सम्बद्ध किया गया है. नतीजतन, दूसरा लाट लेने में 20-25 दिनों का समय लग जाता है. जिसके चलते धान अधिप्राप्ति में दिक्कत होती है.
पैक्स अध्यक्षों ने कहा कि मिल संचालकों द्वारा देर से धान लेने के चलते गोदाम में पड़े धान की गुणवत्ता खराब होने का अंदेशा बना रहता है. बैठक में मां कामख्या राइस मिल नदांव की कार्यशैली पर एतराज जताते हुए कहा गया कि मिल संचालक द्वारा प्रति क्विंटल 15-20 किलो अधिक धान लिया जाता है. वहीं, प्रति लाट 40 हजार रुपयों की मांग की जाती है. राइस मिल की मिलिंग क्षमता 4 एमटी होने के बावजूद रजिट्रेशन में 6 एमटी दर्शाए जाने से मिलों पर बोझ बढ़ गया है. जिसका खामियाजा पैक्सों को भुगतना पड़ रहा है. बैठक में श्रीधारी सिंह, राहुल ठाकुर, संतोष कुमार राय, विनोद कुमार सिंह, अगस्त मुनि राय, भीम सिंह, हिरामन कुमार, सुरेन्द्र सिंह, अवधेश कुमार राय, कमल सिंह, विनोद कुमार सिंह, प्रभुदत्त ओझा, बिन्दा देवी, सरिता देवी, धर्मेन्द्र कुमार, अंगद सिंह, शैलेश कुमार दूबे, धनंजय सिंह ने पदाधिकारी से राईस मिल संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है.
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