वीडियो : राष्ट्रीय राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे दो हजार चौरासी मामले, 5.65 करोड़ रिकवर ..

कहा कि इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं. वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता. यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए. 

 





- वाद का निपटारा के लिए बनाए गए थे कुल सत्रह बेंच
- पांच करोड़ 64 लाख 99 हजार 06 सौ 58 रुपए की रिकवरी कर के मुकदमों का सुलह कराया गया

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष 2023 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकार, अंजनी कुमार सिंह, बक्सर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव विधिक सेवा प्राधिकार धर्मेंद्र कुमार तिवारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा, सचिव बिंदेश्वरी पांडेय,  व्यवहार न्यायालय और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे. माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बक्सर अंजनी कुमार सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, -सह- सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार धर्मेंद्र कुमार तिवारी, जिला बार एसोसिएशन, बक्सर के अध्यक्ष बबन ओझा, सचिव, बिंदेश्वरी पांडेय, व अपर समाहर्ता प्रीतेश्वर प्रसाद ने किया. लोक अदालत पूर्वाहन दस तीस बजे शुरू की गई. समाचार लिखे जाने तक चल रहे इस राष्ट्रिय लोक अदालत में विभिन्न वाद के 2084 मामले का निपटारा कराया गया.




इस दौरान अपने संबोधन में जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है. कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है. लोक अदालत में आने वाले वाक्य सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे. मंच संचालन कर रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं. वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता. यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए. राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके. साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है. उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित होने वाले सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन भी उन्होंने दिया. न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है. जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है. दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षों को दी जाती है और एक कॉपी न्यायालय में भी रखी जाती है.


निपटाए गए ये मामले :

राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 1609 व भारत संचार निगम लिमिटेड के 07 , खनन विभाग के 07, श्रम विभाग के 11, ग्राम कचहरी के 00 , आपराधिक 237 वाद, चेक बाउंस के 07, मोटर वाहन अधिनियम के 05 जिसमे 24,70,000 रुपए की रिकवरी की गई, विद्युत वाद के 195 मामले का निपटारा कराया गया. जिले के विभिन्न बैंकों ने 1609 मामलों में हुए निष्पादन में इस दौरान पाँच करोड़ 64 लाख 99 हजार 06 सौ 58 रुपए की रिकवरी किया. इस अवसर पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से एक मोटर वाहन दुर्घटना के मामले में पैनल अधिवक्ता विष्णु द्विवेदी ने 5,000,00/  रुपए की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किया.

बैंकों के रवैया से परेशान दिखे लोग :

बैंकों के रवैया से लोग परेशान दिखे. एक व्यक्ति जो किसान क्रेडिट कार्ड से 50 हज़ार रुपये लिए जाने के मामले में समझौता कराने के लिए पहुंचे हुए थे उनसे अब 1 लाख 93 हज़ार रुपये मांगे जा रहे थे. जबकि लोक अदालत में उनसे न्यूनतम 1 लाख 30 हज़ार रुपये जमा करने की बात कही गई. उन्होंने कहा कि जब मूल राशि केवल 50 हज़ार रुपये ही है तो दोगुने से भी अधिक क्यों जमा कराई जाए? लेकिन बैंक के अधिकारियों ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया और अंततः उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. उनके साथ मौके पर मौजूद अधिवक्ता अश्विनी कुमार वर्मा ने कहा कि बैंकों का रवैया खेदजनक है. अधिवक्ता विनोद मिश्रा ने भी उनके इस बात से सहमति जताई और कहा कि निश्चय ही बैंकों की मनमानी के कारण लोक अदालत में मामलों के निष्पादन में कमी आती है.

मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विवेक राय, मनोज सिंह, बिजेन्द्र कुमार, आशुतोष कुमार सिंह, अवर न्यायाधीश, संतोष कुमार, सीमा कुमारी, प्रधान मजिस्ट्रेट, राजेश कुमार सिंह, संजय कुमार सरोज, प्रीति आनंद, डिंपी कुमारी, प्रभात कुमार, प्रियंका कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, कमलेश सिंह देवु, आदि पैनल अधिवक्ता , जितेंद्र कुमार सिन्हा, कुमारी अरुणिमा, अशोक कुमार सिन्हा, संजय कुमार राय, रंजन कुमार सिंह, विमलेश कुमार श्रीवास्तव, चंद्र विजय कुमार, रवि रंजन सिन्हा, ज्योति प्रकाश सिंह, उदय नारायण राय, रवि प्रकाश, कुमार मानवेंद्र, विद्यासागर तिवारी, सुरेश प्रसाद, तेज प्रताप सिंह एवं सुश्री ममता मिश्रा, कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, मनोज, अकबर, सुनील, सुमित, हरेराम, कवींद्र पाठक, प्रभाकर मिश्रा गजेंद्र नाथ दुबे सरोज कुमार यादव समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

वीडियो : 













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