एक सप्ताह के अंदर सेवा से हटाएं जाएं प्रशिक्षण नहीं प्राप्त करने वाले शिक्षक : डीपीओ

यह भी स्पष्ट किया ऐसे शिक्षक जिन्होंने इग्नू के द्वारा आयोजित डीपीई के दो वर्षीय प्रशिक्षण को प्राप्त कर लिया है किंतु छह माह का ब्रिज कोर्स नहीं कर सके हैं वह सेवा में बने रहेंगे, लेकिन उन्हें विभाग के द्वारा आयोजित छह माह के ब्रिज कोर्स में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा. 




- जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को जारी किए पत्र
- कहा - एक सप्ताह में नहीं होगा आदेश का अनुपालन तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी होंगे जवाबदेह

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : 19 अक्टूबर 2022 तक जिन शिक्षकों ने इग्नू के द्वारा आयोजित डीपीई का 2 वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है, उन्हें सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. यह कहना है शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शारिक अशरफ का. उन्होंने कहा कि इसके लिए 13 जनवरी को जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर जल्द से जल्द इसका अनुपालन कराने के लिए कहा गया था, लेकिन अब तक इस आदेश का अनुपालन नहीं कराया गया. ऐसे में उन्होंने एक बार फिर 21 फरवरी को सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है और उनसे कहा है कि वह इस आदेश का अनुपालन एक सप्ताह के भीतर कराएं. ऐसा नहीं करने पर सारी जवाबदेही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की होगी. 


दरअसल अताउर रहमान एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में पारित आदेश के अनुपालन के मद्देनजर यह आदेश दिया गया जिसमें यह बताया गया है कि जिन शिक्षकों ने 19 अक्टूबर तक प्रशिक्षण नहीं प्राप्त किया है. उन्हें सेवा मुक्त तो किया जाना ही है लेकिन ऐसे शिक्षक जो प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं किंतु न्यायालय में याचिका विचाराधीन रहने के कारण अवधि में सेवा मुक्त कर दिए गए हैं उनकी पुनर्नियुक्ति की जाएगी तथा उन्हें प्रशिक्षण की परीक्षा उत्तीर्ण होने की तिथि से नियुक्त माना जाएगा. 

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया ऐसे शिक्षक जिन्होंने इग्नू के द्वारा आयोजित डीपीई के दो वर्षीय प्रशिक्षण को प्राप्त कर लिया है किंतु छह माह का ब्रिज कोर्स नहीं कर सके हैं वह सेवा में बने रहेंगे, लेकिन उन्हें विभाग के द्वारा आयोजित छह माह के ब्रिज कोर्स में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा. यदि वह ब्रिज कोर्स में अनुत्तीर्ण हुए तो उनकी भी सेवा संबंधित नियोजन इकाई के द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करते हुए समाप्त कर दी जाएगी. 

डीपीओ ने स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग के द्वारा न्यायालय के आदेश के आलोक में 5 जनवरी को जो पत्र प्रेषित किया गया है उसका जल्द से जल्द अनुपालन कराया जाना आवश्यक है, ताकि सरकार पर शिक्षकों के वेतन भुगतान का अतिरिक्त बोझ ना आए.














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