वीडियो : खोया जनाधार वापस पाने को जदयू ने झोंकी ताकत, महिलाओं तथा पिछड़ों को गोलबंद करने की पहल ..

हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बगावती तेवर ने जदयू की नींव को हिलाकर रख दिया है. यही कारण है कि, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस वार्ता कर यह सफाई देनी पड़ी की अगले चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा यह तय नही हुआ है. बावजूद इसके आज उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी को छोड़ने की घोषणा कर दी है.




- पाँच मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं का होगा सम्मान
- अम्बेडकर जयंती पर 14 अप्रैल को आयोजित होगी भीम चौपाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : आगामी पांच मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जदयू के द्वारा महिला सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है. वहीं, 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती से पहले पिछडो को गोलबंद करने के लिए प्रत्येक पंचायत में जदयू के नेता "भीम चौपाल" के बहाने अपने जनाधार को तलाशने की कोशिश करेंगे, जिससे कि 2024 में जदयू खुद को मजबूत दावेदार बता सके. दोनों कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए तैयारी समिति की एक बैठक का आयोजन हुआ जिसमें जदयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा भी पहुंची. 

दरअसल, प्रदेश में लगातार गिर रहे जदयू के जनाधार ने पार्टी के शीर्ष नेताओं की माथे पर शिकन ला दी है. पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बाद, अब जदयू संसदीय बोर्ड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की बगावत ने जदयू के नींव को हिलाकर रख दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले डगमगा रही पार्टी को एक जुट रखने के तमाम दांव उल्टे पड़ते जा रहे हैं. आलम यह है कि विपक्षी पार्टी के नेताओं के अलावे सहयोगी पार्टी राजद और हम के नेताओं के द्वारा भी लगातार जदयू के नेताओ को आंखे दिखाई जा रही है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने चुप्पी साध रखी है. 

सभी को है अपने विचार रखने की आजादी : 

जदयू के अंदर मची उथल-पुथल के बीच बक्सर पहुँची पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, हमारे पास 45 विधायक हैं. केंद्र से लेकर प्रदेश की राजनीति का जदयू हमेशा केंद्रविंदु में रहेगी. हमारी पार्टी ने राजद के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि हम अपने सहयोगियो का भी सम्मान करते हैं और हममे त्याग और बलिदान देने की भावना है. लोकतंत्र में कोई भी पार्टी के नेता खुद को सीएम उम्मीदवार या सीएम का दावेदार बता सकते है.

विद्रोह को दबाने की कोशिश नाकाम :

पार्टी के अंदर के विद्रोह को दबाने के लिए आखिर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को प्रेस वार्ता कर यह बताना ही पड़ा कि 2025 में बिहार में महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार कौन होगा यह तय नही हुआ है. सन्देश साफ था कि कोई भी सीएम उम्मीदवार हो सकता है. असल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव करेंगे. जिसके बाद जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बगावती तेवर ने जदयू की नींव को हिलाकर रख दिया है. यही कारण है कि, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस वार्ता कर यह सफाई देनी पड़ी की अगले चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा यह तय नही हुआ है. बावजूद इसके आज उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी को छोड़ने की घोषणा कर दी है.

जदयू ने कहा - नीतीश कुमार हैं पीएम मेटेरियल : अंजुम आरा

अंजुम आरा ने कहा कि नीतीश कुमार पीएम के मेटेरियल हैं. उनमें प्रधानमंत्री बनने का सभी गुण हैं. उसके बाद भी संविधान विरोधी बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए, और सभी विपक्षी पार्टियो को एक मंच पर लाने के लिए उन्होंने त्याग करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पीएम बनने की उनकी कोई लालसा नही है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने की. मौके पर कार्यक्रम तैयारी के लिए राज्य मुख्यालय से नियुक्त सचिव राज किशोर प्रसाद, टुन्ना राम, पंकज मानसिंहका, धर्मेंद्र ठाकुर, राघवेंद्र उज्जैन, राहुल सिंह, श्याम जी वर्मा, नंदजी राम, उत्तम तिवारी, जितेंद्र कुमार सिंह, नथुनी खरवार आदि मौजूद थे.

वीडियो -1 : 


वीडियो -2 : 





















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