वीडियो : चैत्र नवरात्रि पर एक साथ 364 कन्याओं का पूजन ..

भव्य कन्या पूजन को देखने  दर्जनों गांव के लोग उपस्थित हुए थे. भीड़ के कारण मंदिर के पास मेले के जैसा नजारा बन गया था. बक्सर में चैत्र नवमी के अंतिम दिन  सभी पूजा समितियों और घरों में विधि विधान से पूजन और हवन के बाद कन्याओं का पूजन कर भोजन कराया गया. 


 





- महाशक्ति कालरात्रि नवदुर्गा धाम में कन्या पूजन के बाद भव्य भण्डारे का आयोजन
- मनोकामना पूर्ण के लिए दूर दराज से आते है श्रद्धालु

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के महदह पुलिस लाइन के समीप स्थित महाशक्ति कालरात्रि नवदुर्गा धाम में चैत्र नवमी के दिन भव्य कन्या पूजन किया गया, जिसके लिए मंदिर के महंत और  सदस्यों द्वारा जिले के दर्जनों गांवों से छोटी-छोटी बच्चियों को परिजनों के साथ इकठ्ठा किया गया था. सभी को कतार में बिठा पहले विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की गई. कई तरह के पकवान परोस भोजन कराया गया. मन्दिर में पांच साल के आसपास के उम्र की 364 कन्याओं का पूजन और विदाई की गई. विदाई के सभी को एक एक आँवले का पौधा भी दिया गया. भव्य कन्या पूजन को देखने  दर्जनों गांव के लोग उपस्थित हुए थे. भीड़ के कारण मंदिर के पास मेले के जैसा नजारा बन गया था. बक्सर में चैत्र नवमी के अंतिम दिन  सभी पूजा समितियों और घरों में विधि विधान से पूजन और हवन के बाद कन्याओं का पूजन कर भोजन कराया गया. 

जिले इटाढ़ी रोड में महदह पुलिस लाइन के पास महाशक्ति कालरात्रि नवदुर्गा धाम में अद्भुत कन्या पूजन को देखने के लिए दूरदराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचे हुए थे. वैसे तो एक हजार से ऊपर कुंवारी कन्याओं ने यहां भोजन किया. लेकिन 364 कन्याओं को जिनकी उम्र 5 साल के आसपास है. उनका पूजन कर भोजन के साथ विधिवत भोजन कराया गया.

शास्त्रों में दिया गया है कन्या पूजन का महत्व :

मंदिर के महंथ द्वारिका दास महाराज का कहना है कि शास्त्रों में चैत के अवसर पर कन्या पूजन को अत्यंत ही महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में देवी मां के सभी उपासक कन्याओं को मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मानकर उनकी पूजा करते हैं. सनातन धर्म में सदियों से ही कन्या पूजन और कन्या भोज कराने की परंपरा चली आ रही है. 



पर्यावरण संरक्षण की अनोखी पहल :

मंदिर के सेवक अमित माली ने बताया कि इस धाम में भक्तों के द्वारा हर साल भंडारे का आयोजन किया जाता है उन्होंने बताया कि इस बार 364 कन्याओं का पूजन हुआ अगले वर्ष 1008 कन्याओं को पूजन कर भोजन कराने का विचार है. इस बार माता रानी के आदेश से पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए सभी बच्चियों को आंवले का पौधा भी दिया गया.

श्रद्धालु भक्तों ने की थी कलश स्थापना :

इसके पूर्व नवरात्रि में नौ दिनों तक श्रद्धालु भक्तों के द्वारा अपनी अपनी तरफ से यहां पर कलश स्थापना भी की गई थी, जहां नौ दिन उनके द्वारा विधि-विधान से पूजन अर्चन किया गया आज हवन के बाद प्रसाद ग्रहण कर नौ दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई.

वीडियो : 


















Post a Comment

0 Comments