वीडियो : चौसा के आंदोलनकारी किसानों के साथ अधिकारियों की बैठक, गतिरोध समाप्त होने के आसार ..

समस्या के समाधान के उद्देश्य से दूसरे और अंतिम चरण की बैठक की गई, जिसमें किसान और उनके प्रतिनिधियों तथा एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट एवं प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय बना है और उम्मीद है कि जल्द सभी किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए वाटर और रेल कॉरिडोर का निर्माण भी शुरू हो जाएगा.




- अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक
- मौके पर मौजूद रहे प्रभावित किसान तथा थर्मल पावर प्लांट के अधिकारी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पिछले कई महीनों से चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के खत्म होने के आसार दिखाई दे रहे हैं. ऐसी संभावना तब बनी है जब अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा की पहल पर एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट के अधिकारियों और आंदोलनकारी भू-दाता किसानों के साथ पावर प्लांट के परिसर में एक बैठक की गई. बैठक से निकलने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी ने पत्रकारों को यह बताया कि 11 जनवरी की घटना के बाद आंदोलनकारी किसानों और एसजेवीएन के पदाधिकारियों के बीच जो गतिरोध चला रहा है, उसे दूर करने पावर प्लांट के निर्माण में उनके सहयोग तथा उनकी समस्या के समाधान के उद्देश्य से दूसरे और अंतिम चरण की बैठक की गई, जिसमें किसान और उनके प्रतिनिधियों तथा एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट एवं प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय बना है और उम्मीद है कि जल्द सभी किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए वाटर और रेल कॉरिडोर का निर्माण भी शुरू हो जाएगा.

बैठक के दौरान किसानों ने क्षेत्र के विकास के लिए राशि खर्च करने की पॉलिसी में सुधार करते हुए प्रभावित क्षेत्र के हर मौजे के विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने की बात पर बल दिया जिस पर अधिकारियों ने सहमति जताई. यह भी बात हुई थी अधिकारियों और किसानों की सहमति से क्षेत्र की समस्याओं को दूर करते हुए विकास कार्य किए जाएंगे. स्थानीय लोगों को और अधिक रोजगार देने की बात हुई इस पर भी सहमति बनी.

किसानों के साथ की बैठक के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा के अतिरिक्त एसजेवीएन के सीइओ मनोज कुमार तथा अन्य पदाधिकारी पवन कुमार, महेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे. 

यहां आपको बता दें कि थर्मल पावर प्लांट निर्माण के भू-दाता किसानों के द्वारा उचित मुआवजे की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वह पिछले कुछ महीनों से उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. लेकिन बीते 11 जनवरी को हुए उपद्रव से कंपनी को व्यापक क्षति पहुंची थी और तकरीबन 25 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ था. फिलहाल इस घटना के बाद भी किसानों का आंदोलन धरने के रूप में जारी है. लेकिन आज भी बैठक के उपरांत यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यह गतिरोध खत्म होगा और थर्मल पावर प्लांट का निर्माण आसानी से शुरु हो जाएगा.

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