चैत्र महोत्सव का आयोजन : लोक संस्कृति जिंदा रखने की कोशिश ..

कहा कि लोक गीत गायन आज ही की परंपरा नहीं है जब श्री रामचंद्र जी का जन्म चैत में  हुआ तभी से यह परंपरा है. इस गायन को गाकर इस माह की शुरुआत की जाती है. यह सामाजिक समरसता को बढ़ा कर आपसी भेदभाव को मिटाता है एवं समतामूलक समाज का निर्माण करने में योगदान देता है. 




- जिला दुग्ध व्यवसायी संघ के द्वारा हुआ आयोजन
- भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर प्रखंड के भभुअर ग्राम में जिला दुग्ध व्यवसायी संघ के द्वारा चैत्र महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बाबा भूतेश्वर नाथ के प्रांगण में दोगोला कार्यक्रम का आयोजन आरा के गोपाल यादव एवं बक्सर के लोकप्रिय गायक हरेंद्र सिंह उर्फ बूढ़ा व्यास के बीच हुआ.  कार्यक्रम की अध्यक्षता बोगसा पंचायत के मुखिया सुरेश यादव ने किया. बक्सर पूर्वी के पूर्व जिला पार्षद सह चौसानगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि  डॉ मनोज कुमार यादव ने फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोक गीत गायन आज ही की परंपरा नहीं है जब श्री रामचंद्र जी का जन्म चैत में  हुआ तभी से यह परंपरा है. इस गायन को गाकर इस माह की शुरुआत की जाती है. यह सामाजिक समरसता को बढ़ा कर आपसी भेदभाव को मिटाता है एवं समतामूलक समाज का निर्माण करने में योगदान देता है. 

डॉ यादव ने कहा कि आज भी लोक संस्कृति जिंदा है. इस भोजपुरी गायन को आठवीं अनुसूची में जोड़ने की आवश्यकता है. भोजपुरी भाषा विश्व के अधिकांश देशों में बोली जाती है लेकिन दुर्भाग्य है कि आज तक इसको मान्यता नहीं मिल पाई. इस पर सरकार को विचार करके विलंब किए बगैर अनुसूची में जोड़ने की आवश्यकता है. 


कार्यक्रम में मुख्य रूप से बक्सर पश्चिमी के जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव, महदह पंचायत के मुखिया सुशील यादव, नुआंव पंचायत के मुखिया गोरख राम जगदीशपुर पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र सिंह, चक्रहंसी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि छोटू सिंह, उमरपुर पंचायत के चुरकी पांडेय के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्तियों को बोगसा पंचायत के मुखिया द्वारा पगड़ी और माला देकर सम्मानित किया गया.















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