शतचंडी महायज्ञ के आयोजन से भक्तिमय हुआ मंझरिया ..

यज्ञ में हजारो व्रती महिला-पुरुष भक्तो का सैलाब उमड़ रहा है. उत्तरायणी गंगा तट से कलश भर जल के साथ सभी श्रद्धालु यज्ञ स्थल पर पहुंचे, जहां वैदिक मंत्रोचार के बीच यज्ञ की आहुतियां देकर पूरे इलाके को गुंजायमान कर दिया गया है.





- प्राचीन काली मंदिर के जीर्णोद्धार व प्रतिमा स्थापना का है अवसर
- नवरात्रि में माता के विभिन्न स्वरूपों का का विधि-विधान से होता है पूजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर प्रखंड के मंझरिया गाँव में प्राचीन बुढ़िया काली माता मंदिर के जीर्णोद्धार व प्रतिमा स्थापना के अवसर पर श्री श्री शतचण्डी महायज्ञ का शुभारंभ माँ काली मंदिर प्रांगण में नवरात्रि के दिन से किया गया. पंडित त्रिवेन्द्र नाथ पांडेय, यज्ञाचार्य और वृन्दावन से पधारे वैरागी जी महाराज के निर्देधन में तकरीबन 21 पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पांच कुण्डीय हवन प्रतिदिन किया जा रहा है. खास बात यह है कि यहां माता काली के इस पूजन के दौरान बलि प्रथा पूर्णत: वर्जित है.

चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा नवरात्रि महापर्व में माँ की आराधना का अलग अलग स्वरूप है. नवरात्र व्रत के अलग अलग विधान में माँ की आराधना पूजन में शतचण्डी महायज्ञ का पूजन विधान है. ऐसे में जिले के मंझरिया गाँव में पांच कुण्डीय शतचंडी महायज्ञ की शुरुआत हुई है. यह यज्ञ कलश यात्रा के साथ शुरु होकर लगातार जारी है. यज्ञ में हजारो व्रती महिला-पुरुष भक्तो का सैलाब उमड़ रहा है. उत्तरायणी गंगा तट से कलश भर जल के साथ सभी श्रद्धालु यज्ञ स्थल पर पहुंचे, जहां वैदिक मंत्रोचार के बीच यज्ञ की आहुतियां देकर पूरे इलाके को गुंजायमान कर दिया गया है.

यज्ञ के दौरान साधु वैरागी जी महाराज, आचार्य पंडित त्रिवेंद्र नाथ पाण्डेय, पंडित हनुमान बाबा (उपाचार्य), पंडित सोनू तिवारी,पंडित सुमन शास्त्री, पंडित भानु तिवारी,
पंडित मिंटू चौबे, पंडित अनूप ओझा, संतोष चौबे, पारस उपाध्याय, शंभू उपाध्याय,  दामोदर उपाध्याय,  मनोज उपाध्याय , पुलिनी  उपाध्याय, सुरेश उपाध्याय, दिवाकर शास्त्री, बड़क उपाध्याय, ऋषि देव उपाध्याय समेत सभी ग्रामीण मौजूद रह आध्यत्म के सागर में गोते लगा रहे हैं. प्राण-प्रतिष्ठा व पूर्णाहूति 30 मार्च को होगी वहीं 31 मार्च को भव्य भंडारे का साथ कार्यक्रम सम्पन्न हो जाएगा.


















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