बड़ी खबर : जल्द सुलझ जाएगा किसानों का मामला, एसटीपीएल भी कर रहा सहयोग ..

कहना है कि किसानों के कागजात बनवाने से लेकर उन्हें पटना के एलएआर न्यायालय में ले जाने एवं न्यायालय में विधिक सहायता दिलाने का जो वादा कंपनी के द्वारा किया गया है उसे पूरा किया जाएगा. 





- पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकार के द्वारा किसानों को भेजा गया नोटिस
- रेल और वाटर कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान मुआवजे को लेकर विवाद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट भू-अर्जन में उचित मुआवजा देने की किसानों की मांग लगभग पूरी होने वाली है. यह उम्मीद तब जगी है जब भू-अर्जन के संदर्भ में पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकार पटना प्रमंडल के न्यायालय में बनारपुर व मोहनपुरवा मौजे के किसानों को आगामी 13 अप्रैल को अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए आवश्यक कागजातों के साथ बुलाया गया है. सूत्र यह बताते हैं कि प्राधिकार किसानों की मांग को जायज मान रही है तथा अब उनके मुआवजे में राशि वृद्धि हो सकती है. हालांकि, अंतिम फ़ैसला आने के बाद ही इस पर स्पष्ट रूप से कुछ भी कहा जा सकेगा. फिलहाल किसानों से जो कागजात मांगे गए हैं वह उन्हें बनवाने के लिए प्रयासरत हैं. दूसरी तरफ किसानों के मुआवजा की मांग के साथ कंपनी के अधिकारी भी खड़े दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ जहां प्रभावित किसान अजीत सिंह व जितेंद्र सिंह क्या कहना है कि जल्दी बाजी में कागजात बनाने में दिक्कत हो सकती है वही, एसजेवीएन के सीइओ मनोज कुमार का कहना है कि किसानों के कागजात बनवाने से लेकर उन्हें पटना के एलएआर न्यायालय में ले जाने तक एवं न्यायालय में विधिक सहायता दिलाने का जो वादा कंपनी के द्वारा किया गया है उसे पूरा किया जाएगा. एसटीपीएल के प्रभारी ह्यूमन रिसोर्सेज अधिकारी उदय सिन्हा को यह कहा गया है कि वह सोमवार से किसानों की कागजात आदि बनवाने व पटना ले जाने में मदद के लिए तत्परता से कार्य करेंगे. न्यायालय के द्वारा भी जो मुआवजा किसानों के लिए तय होगा वह भी दिया जाएगा.

ये कागजात करने होंगे प्रस्तुत :

1) स्वामित्व का आधार संबंधी मूल कागजात (खतियान / केवाला दास्तवेज / अन्य)

 2) मूल कागजात से दावेदार का संबंध लिए वंशावली, मृतको के मृत प्रमाण पत्र.

 3) अद्यतन लगान रसीद भूमि का प्रकृत सहित.

 4) अद्यतन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC)

 5) आधार कार्ड, पैन कार्ड 

 6) बैंक खाता का छाया प्रति या कैन्सील चेक जो दावेदार के मोबाईल नम्बर से जुडा हों. 7) यदि अर्जित भूमि के स्वत्व संबंधी कोई विवाद किसी न्यायालय में लंबित हो तो उसका वाद संख्या एवम् न्यायलय के नाम एवम् अगली तिथि तथा अंतिम प्रभावित आदेश की प्रति सहित प्राधिकार को सूचित करना आवश्यक है.

गलत दावा पेश करने पर जाना पड़ेगा जेल :

प्राधिकार के द्वारा किसानों को भेजी गई नोटिस में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि संबंधित भू धारकों के द्वारा अगर गलत तथ्यों पर अपना दावा पेश किया जा रहा होगा तो उनके विरुद्ध एक लाख रुपये का जुर्माना एवं तीन साल तक की कैद की सजा भी सुनाई जा सकती है. 

















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