बताया कि जिला मुख्यालय के 12 किलोमीटर तक के दूरी में इसका प्रसारण सुना जा सकेगा. सुबह 6:00 बजे से रात 11:00 बजे तक फिल्मी गानों, समाचार तथा अन्य कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा. खास बात यह है कि बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के इसे रेडियो तथा मोबाइल दोनों पर सुना जा सकेगा इसकी फ्रीक्वेंसी 101.1 है.
- सुबह 6:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक 101.1 फ्रीक्वेंसी पर सुन सकेंगे कई कार्यक्रम
- वर्चुअल रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन सांसद सह मंत्री अश्विनी चौबे रहे मौजूद
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले की जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात आसानी से सुन सकेगी. जिले के बाजार समिति प्रांगण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वर्चुअल रूप से आकाशवाणी के 100 वाट ट्रांसमीशन एफएम रेडियो की शुरुआत की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से बक्सर में नए एफएम रेडियो ट्रांसमीटर का शुभारंभ किया. इस मौके पर स्थानीय सांसद केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्तागण विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सामाजिक संगठन के लोग उपस्थित थे. केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री बिहार सहित अन्य जिलों में एफएम रेडियो की सौगात दी है.सुदूर क्षेत्रों के लोग भी अब इस एफएम कनेक्टिविटी के कारण मुख्यधार से जुड़ सकेंगे. नवीनतम जानकारियां मिलेंगी. जानकारी देते हुए आकाशवाणी पटना के अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय के 12 किलोमीटर तक के दूरी में इसका प्रसारण सुना जा सकेगा. सुबह 6:00 बजे से रात 11:00 बजे तक फिल्मी गानों, समाचार तथा अन्य कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा. खास बात यह है कि बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के इसे रेडियो तथा मोबाइल दोनों पर सुना जा सकेगा इसकी फ्रीक्वेंसी 101.1 है.
प्रधानमंत्री ने बिहार के बक्सर के अन्य जिलों सहित 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 91 एफएम ट्रांसमिशन स्टेशनों का ई-उद्घाटन किया..उन्होंने कहा कि
किसान, युवा, महिलाएं सहित विभिन्न क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को इसका फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है. रेडियो सूचना का एक सशक्त माध्यम है. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस माध्यम को मजबूती से आगे बढ़ाने का काम किया है. "मन की बात" कार्यक्रम इसका एक बेजोड़ उदाहरण है. केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उक्त कार्यक्रम के जरिए संस्कृति, लोक परंपराओं, भाषा, लोगों की कहानियां और त्योहार जो पहले मुख्यधारा में शामिल नहीं थे, उन से अवगत कराने के लिए प्रभावी ढंग से इस मंच का उपयोग किया है. उन्होंने उन लोगों और उन क्षेत्रों को शामिल किया जो भारत गाथा का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
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