राष्ट्रीय राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 18 सौ से ज्यादा मामले, जिला जज ने कहा - दोनों पक्षों की होती है जीत ..

जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है. इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है. कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है. 





- वाद का निपटारा के लिए बनाए गए थे कुल बीस बेंच
- 6 करोड़ 63 लाख 32 हजार 09 सौ 89 रुपए की रिकवरी कर के मुकदमों का सुलह कराया गया

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में इस वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. 1881 मामलों का निरहुआ और तकरीबन साढ़े छह करोड़ रुपयों की रिकवरी दी हुई कार्यक्रम का जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह, जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष अंशुल अग्रवाल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी,  अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा समेत उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया. मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे.


लोक अदालत पूर्वाह्न 10:30 बजे शुरू की गई. समाचार लिखे जाने तक चल रहे इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वाद के 1881 मामले का निपटारा कराया गया.

इसके पूर्व उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है. इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है. कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है. लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे. 

डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम के अंतर्गत देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनिय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है. इसका मुख्य कारण जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनिय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता करवाकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है. इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है. 

मंच संचालन कर रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं. वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता. यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए. राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके. साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना. उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित होने वाले सभी आगंतुकों का धन्यवाद दिया. उन्होंनें कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है. जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए ,मुकदमों को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है. दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है और एक कॉपी न्यायालय में भी रखी जाती है.

आज के राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 743 व भारत संचार निगम लिमिटेड के 422, ग्राम कचहरी के 120 , आपराधिक 266 वाद, चेक बाउंस के 05, मोटर वाहन अधिनियम के 01 जिसमे 4,80,72,157/-  रुपए की रिकवरी की गई, विद्युत वाद के 271 मामले का निपटारा कराया गया। जिसमे 74,04,574 /- रुपए जिले के विभिन्न बैंकों ने 743 मामलों जिसमे  4,80,72,157/- रुपए में हुए निष्पादन में इस दौरान कुल छः करोड़ 63 लाख 32 हजार 09 सौ 88 रुपए की रिकवरी किया.

मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, संदीप सिंह , विवेक राय, मनोज सिंह द्वितीय, बिजेन्द्र कुमार, आशुतोष कुमार सिंह, अवर न्यायाधीश, संतोष कुमार प्रथम, श्रीपांजलि, सीमा कुमारी, प्रधान मजिस्ट्रेट, राजेश कुमार सिंह, संजय कुमार सरोज, प्रीति आनंद, डिंपी कुमारी, प्रभात कुमार, प्रियंका कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, कमलेश सिंह देवु, आदि पैनल अधिवक्ता , जितेंद्र कुमार सिन्हा, कुमारी अरुणिमा, अखौरी अशोक कुमार सिन्हा, संजय कुमार राय, बासुकी नाथ पाठक, संगीता कुमारी, अनिल कुमार दूबे, कुमार मानवेंद्र, संतोष कुमार श्रीवास्तव, प्रमोद मिश्रा, कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, मनोज, अकबर, सुनील, सुमित, हरेराम, कवींद्र पाठक, प्रभाकर मिश्रा गजेंद्र नाथ दूबे सरोज कुमार यादव समेत अन्य लोग मौजूद रहे.









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