कैदियों को मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियां इस प्रसारण के माध्यम से दी जाती है. सुबह कैदी जब आंखें खोलते हैं तो उनके दिन की शुरुआत मधुर भजन अथवा ज्ञानवर्धक जानकारी से होती है. देश-विदेश के ताजा समाचारों के साथ कहानी और चुटकुले भी इसके माध्यम से सुनाए जाते हैं.
- जल्द ही होगा जेल रेडियो का शुभारंभ, बंदी बनेंगे रेडियो जॉकी
- बनकर तैयार हो गया है नियंत्रण कक्ष, वार्डों में लगाए गए स्पीकर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय कारा में जल्द ही जेल रेडियो की शुरुआत होने जा रही है. सुबह होते ही जेल में देश प्रेम व भक्ति भाव को जागृति करने वाले गीत बंदियों को सुनने को मिलेंगे. उनकी स्वरचित कविताएं व गीतों के साथ जेल में दिन भर होने वाली गतिविधियों के समाचार भी प्रसारित किए जाएंगे. शाम को भी यह प्रसारण होगा. बंदियों की जीवन दशा में बदलाव के लिए स्थापित इस जेल रेडियो में बंदी स्वयं रेडियो जॉकी की भूमिका निभाएंगे. जिसके लिए दोष सिद्ध बंदियों की एक टीम बनेगी जिनकी भाषा और सुर दोनों अच्छा होगा. जेल रेडियो की शुरुआत के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. हर कक्ष में स्पीकर लगाए गए हैं जिसके माध्यम से हर दिन सुबह और शाम दो दो घंटे कैदी के माध्यम से स्वस्थ मनोरंजन पा सकेंगे. जल्द ही इसका विधिवत उद्घाटन होगा इसके बाद यह पूरी तरह से कार्य करने लगेगा. कैदियों के बीच सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए बिहार के सभी 59 जेलों के साथ ही बक्सर केंद्रीय कारागार में यह पहल की जा रही है. यह एफएम रेडियो की तरह ही काम करेगा और इसकी परिधि पूरा जेल परिसर होगा.
कारा एवं सुधार विभाग के द्वारा जेल रेडियो की शुरुआत बिहार के विभिन्न जिलों में कर दी गई. वहां कैदियों को मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियां इस प्रसारण के माध्यम से दी जाती हैं. सुबह कैदी जब आंखें खोलते हैं तो उनके दिन की शुरुआत मधुर भजन अथवा ज्ञानवर्धक जानकारी से होती है. देश-विदेश के ताजा समाचारों के साथ कहानी और चुटकुले भी इसके माध्यम से सुनाए जाते हैं.
स्थापित किया गया नियंत्रण कक्ष, कैदी कर सकेंगे ज्ञान का प्रसार :
जेल रेडियो के प्रसारण के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां सुबह और शाम कोई भी कैदी पहुंचकर गीत, भजन, कहानी, कोई रोचक प्रसंग, चुटकुला आदि भी सुना सकेंगे, उनके लिए दो घंटे सुबह, दो घंटे शाम नियंत्रण कक्ष खोला जाएगा, जहां बैठकर वह अपनी बातें स्पीकर के माध्यम से जेल के कोने-कोने तक पहुंचा सकेंगे.
जेल बन गया है सुधार गृह :
बक्सर केंद्रीय कारा के साथ-साथ प्रदेश की प्रत्येक कारा अब सुधार गृह भी बन गया है. यहां रह रहे कैदियों को विभिन्न रोजगार परक प्रशिक्षण, खेलकूद तथा अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाता है ताकि यहां से निकलने के पश्चात वह अपनी जिंदगी को बेहतर ढंग से जी सकें. समय-समय पर कैदियों के बीच योग और ध्यान आदि का प्रशिक्षण सत्र भी चलाया जाता है जिससे कि वह जाने-अनजाने में किए गए अपने अपराध का प्रभाव अपने मन-मस्तिष्क पर कम कर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कर सकें.
कहते हैं कारा अधीक्षक :
कारा एवं सुधार विभाग के द्वारा बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करने के लिए यह पहल की जा रही है. जल्द ही जिला पदाधिकारी के माध्यम से इसका विधिवत उद्घाटन करने के साथ ही यह सुविधा शुरु हो जाएगी.
राजीव कुमार,
कारा अधीक्षक, केंद्रीय कारा
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