बड़ी ख़बर : जेल में बंद कैदियों के नाम पर हजारों रुपयों की वसूली ..

जिस व्यक्ति ने अधिवक्ता को फोन किया था, वह कोई जेल कर्मी नहीं बल्कि साइबर ठग है. एक हफ्ते में उसने 3 लोगों को फोन किया है व्यक्ति अधिवक्ता स्वयं है. अधिवक्ता ने मामले से जेल अधीक्षक नगर थानाध्यक्ष के साथ-साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भी पत्र लिखकर अवगत कराया है.




- साइबर फ्रॉड ने 4 लोगों को किया फोन
- 2 लोग हुए शिकार, अधिवक्ता ने भी की शिकायत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय कारा में बंद कैदियों के परिजन तथा उनसे जुड़े लोग अब साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं. पिछले 10 दिनों के अंदर लगातार चार घटनाओं में खुद को जेल अधीक्षक बता कर तथा कैदियों के हाथ-पैर टूटने और उनके बीमार होने की बात कह साइबर अपराधियों ने कैदियों के परिजनों से हजारों रुपयों की ठगी कर ली है. हालांकि चार में से दो मामलों में अपराधियों की दाल नहीं गली है. इस तरह के मामलों को लेकर कारा अधीक्षक ने जहां नगर थाने की पुलिस को सूचना दी है. वही एसपी से भी मामले में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी देते हुए व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता शुभम उपाध्याय ने बताया कि उनके एक मुवक्किल जेल में बंद है जिनके हस्ताक्षर के लिए उन्होंने जेल में वकालतनामा भिजवाया था. इसी बीच दोपहर में उनके मोबाइल फोन पर एक फोन आया और कहा गया कि आपने जिस कैदी के हस्ताक्षर के लिए वकालतनामा भेजा है, उनके हाथ-पैर टूट गए हैं ऐसे में उनके परिजनों के नंबर की मांग की. इस बात पर संदेह होने पर अधिवक्ता ने कारा अधीक्षक राजीव कुमार के सरकारी नंबर पर संपर्क किया तो यह ज्ञात हुआ कि जिस व्यक्ति ने अधिवक्ता को फोन किया था, वह कोई जेल कर्मी नहीं बल्कि साइबर ठग है. एक हफ्ते में उसने 3 लोगों को फोन किया है व्यक्ति अधिवक्ता स्वयं है. अधिवक्ता ने मामले से जेल अधीक्षक नगर थानाध्यक्ष के साथ-साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भी पत्र लिखकर अवगत कराया है.

झारखंड से आ रहे फर्जी कॉल :

कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि जिन नंबरों से फोन आ रहे हैं ऐसा ज्ञात हुआ है कि वे नंबर झारखंड के हैं. ऐसे में उन नंबरों का जिक्र करते हुए एक लिखित आवेदन नगर थाने को दिया गया था. साथ ही साथ एसपी को भी इस मामले से अवगत कराया गया है. 

जेल से कभी नहीं मांगे जाते पैसे :

कारा अधीक्षक ने कैदियों के परिजनों तथा उनसे जुड़े अन्य लोगों से अपील करते हुए कहा कि जेल से कभी भी मांगने के फोन किसी को नहीं जाते. ऐसे में यदि कॉल आए तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी थाने को दी जाए. उन्होंने कहा कि जागरूक रहते हुए साइबर फ्रॉड से बचने का हर संभव प्रयास किया जाए.









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