जिले के युवक की करंट लगने से गुजरात में मौत, घर में पसरा मातम ..

सूचना पर जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं गुजरात के प्रतिष्ठित उद्योगपति मिथिलेश पाठक मौके पर पहुंचे और उन्होंने अपने प्रयास से कंपनी के अधिकारियों से बातचीत कर कंपनी के द्वारा ही परिजनों को 17 लाख रुपये मुआवजा दिलवाने में मदद की.






- 1 सप्ताह पूर्व ही हुआ था नई कंपनी में चयन
- समाजसेवी ने परिजनों को दिलवाई आर्थिक सहायता

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राजपुर प्रखंड के मंगराव पंचायत के मल्हीपुर मिल्की गांव निवासी एक युवक के गुजरात में करंट लगने से मौत हो गई है. वह 1 साल से गुजरात में रहकर काम कर रहा था लेकिन वर्तमान में वह जिस कंपनी में काम करता था उसके लिए उसका एक सप्ताह पूर्व ही उसका चयन हुआ था. काम के दौरान ही करंट लगने से उसकी गुजरात में मौत हो गई थी. उसका शव तीन दिन बाद सोमवार को गांव पर पहुंचा. उसका शव गांव पर पहुंचा परिजनों के बीच कोहराम मच गया. उनके करुण क्रंदन से हर कोई गमगीन हो गया. सूचना पर जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं गुजरात के प्रतिष्ठित उद्योगपति मिथिलेश पाठक मौके पर पहुंचे और उन्होंने अपने प्रयास से कंपनी के अधिकारियों से बातचीत कर कंपनी के द्वारा ही परिजनों को 17 लाख रुपये मुआवजा दिलवाने में मदद की

मिली जानकारी के मुताबिक राजपुर प्रखंड के मंगराव पंचायत के मल्हीपुर मिल्की गांव निवासी 24 वर्षीय युवक कुंदन गोस्वामी परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से गुजरात के बड़ोदरा स्थित नंदेसरी में एक कंपनी में काम करने गए थे. वह पिछले एक वर्ष से गुजरात के बड़ोदरा में रहकर किसी कंपनी में काम कर रहे थे. इसी बीच एक सप्ताह पूर्व बड़ोदरा में ही इप्का लेबोरेटरीज लिमिटेड कंपनी में इलेक्ट्रिशियन के पद पर उनका चयन कर लिया गया. काम के दौरान गुरुवार की शाम करंट लगने से उनकी दर्दनाक मौत हो गयी. घटना के बाद इसकी सूचना कंपनी के द्वारा परिजनों को दी गयी. 

समाजसेवी मिथिलेश पाठक की पहल से परिजनों को मिला 17 लाख रुपये का मुआवजा :

इस घटना की सूचना पर बक्सर जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं गुजरात के प्रतिष्ठित उद्योगपति मिथिलेश पाठक ने गुजरात के बड़ोदरा में ही बिहार एसोसिएशन के पदाधिकारी डीएन ठाकुर एवं रविंद्र सिंह से बातचीत की. सभी ने पूरे संगठन के साथ मिलकर अस्पताल पहुंचने के बाद कंपनी के पदाधिकारियों से बात करना शुरु कर दिया. कंपनी इनकी बातों को मानने के लिए तैयार नहीं थी. कई राउंड हुई बात के बाद कम्पनी ने मुआवजे के तौर पर 17 लाख रुपए देने को तैयार हुई.

पत्नी, बच्ची और माता-पिता में बंटेगी मुआवजे की राशि :

संगठन के लोगों ने एग्रीमेंट कराकर 20 दिन के अंदर भुगतान करने की बात कही. जिसमें मृतक के शरीर को घर तक पहुंचाने के लिए 50 हज़ार रुपये अतिरिक्त धनराशि कंपनी के तरफ से दी गयी. मिलने वाली 17 लाख की अनुदान राशि में से एग्रीमेंट के अनुसार मृतक की पत्नी मनीषा देवी को 40 फीसद, एक वर्षीय बच्ची सुप्रिया की परवरिश के लिए 40 फीसद एवं मृतक के माता-पिता को 20 फीसद राशि दी जाएगी.









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