वीडियो : रंगदारी में नहीं दी दो किलो मछली तो तालाब में डाला ज़हर, मत्स्य पालक को पांच लाख का नुकसान ..

उन्होंने जब इस बात से इनकार किया तो नाराज युवक ने काफी बहस भी की थी. इसी बीच मंगलवार की रात वह घर चले गए और बुधवार की सुबह जैसे ही तालाब पर पहुंचे वहां मछलियां मरी हुई दिखाई दी. उन्होंने तुरंत इस बात की सूचना और अपने मालिक को दी और फिर शक के आधार पर अनु चौधरी नामक युवक पर जहर डालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई.






- मुरार थाना क्षेत्र के चौगाईं का है मामला
- नामजद अभियुक्त पर आरोप लगाते हुए दर्ज कराई गई प्राथमिकी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौगाईं प्रखंड के मुरार गांव स्थित मिडिल स्कूल से पश्चिम स्थित एक निजी तालाब में किसी असामाजिक तत्व के द्वारा जहर डालने का मामला प्रकाश में आया है. मामले में गांव के ही एक व्यक्ति के पर तालाब में ज़हर डालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अपने आवेदन में मत्स्य पालक ने बताया कि गांव के ही एक व्यक्ति को रंगदारी में दो किलोग्राम मछली नहीं दी तो उसने तालाब में जहर डाल दिया. मामले में नामजद अभियुक्त के विरुद्ध थाने में शिकायत दी गई है जबकि थानाध्यक्ष का कहना है कि अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.

दरअसल, आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए गांव के एक किसान राम रंजन प्रसाद सिन्हा ने अपने निजी तालाब में द्वारा मत्स्य पालन किया गया था, जिसकी देखरेख के लिए गांव के ही जितेंद्र साह नामक एक व्यक्ति को केयरटेकर रखा गया था. गांव के जगनारायण चौधरी के पुत्र चौधरी ने दो किलो मछलियां मुफ्त में मांगी थी. लेकिन उन्होंने जब इस बात से इनकार किया तो नाराज युवक ने काफी बहस भी की थी. इसी बीच मंगलवार की रात वह घर चले गए और बुधवार की सुबह जैसे ही तालाब पर पहुंचे वहां मछलियां मरी हुई दिखाई दी. उन्होंने तुरंत इस बात की सूचना और अपने मालिक को दी और फिर शक के आधार पर अनु चौधरी नामक युवक पर जहर डालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई.

पांच लाख रुपये का हुआ नुकसान :

उन्होंने बताया कि 80 हजार रुपये का मछली बीज डाला गया था. जिसके लिए प्रति महीने 60 पैकेट मछली दाना के साथ-साथ ढाई हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से विटामिन की दवाई भी दी जाती है. इस घटना के बाद तकरीबन पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
 
मत्स्य पालक भी कराएंगे जांच :

तालाब मालिक ने बताया कि मरी हुई मछलियों की जिला मुख्यालय स्थित प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी, जिससे पता चल सके कि तालाब में जहर की मात्रा कितनी है? जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि असामाजिक तत्वों के द्वारा तालाब में जहर डाल कर मछलियों को मारा गया है, या फिर किसी बीमारी से मछलियां मरी है. मत्स्य पालक ने बताया कि एक साल पहले भी शिव मंदिर के समीप तालाब में जहां डालने से लाखों की मछलियां मरी थी. वहीं अब इस घटना के बाद मत्स्य पालकों में भय का माहौल कायम है.

कहते हैं थानाध्यक्ष :

मत्स्य पालक के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए मामले की जांच की जा रही है.

रविकांत प्रसाद,
थानाध्यक्ष, मुरार

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