दीपांकर भट्टाचार्य ने कार्यकर्ताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जी जान से लग जाने की मंत्र देते हुए उनका उत्साह भी बढ़ाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बक्सर लाल झंडे का इलाका है और हम पहले दो बार लोकसभा का चुनाव यंहा से जीत चुके हैं. उसके बाद हम यंहा से चुनाव क्यो नही लड़ सकते है?
- कहा - विधानसभा में 19 में से 12 सीटें जीती, बक्सर में दो बार लोकसभा, दो बार विधानसभा
- महागठबंधन के अलग-अलग दल पेश कर चुके हैं लोकसभा सीट पर दावेदारी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्थानीय लोकसभा सीट महागठबंधन के लिए हॉट केक बन गई है. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक पार्टी के नेता सीटों का गुणा गणित बैठाना शुरु कर चुके हैं. महागठबन्धन में शामिल जदयू को छोड़कर राजद, कांग्रेस और माले ने बक्सर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. दो दिन पहले ही कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष के सम्मान समारोह के बहाने कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है. जिसके बाद माले के डुमरांव विधायक ने भी बक्सर लोकसभा सीट पर पार्टी की दावेदारी पेश कर महागठबन्धन के गांठ को ढीला कर दिया है. बुधवार को जिला मुख्यालय के नगर भवन में भाकपा माले द्वारा आयोजित पार्टी के सम्मेलन में पहुंचे माले के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कार्यकर्ताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जी जान से लग जाने की मंत्र देते हुए उनका उत्साह भी बढ़ाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बक्सर लाल झंडे का इलाका है और हम पहले दो बार लोकसभा का चुनाव यंहा से जीत चुके हैं. उसके बाद हम यंहा से चुनाव क्यो नही लड़ सकते है? जो सीटे हमें मिलनी है उसमें बक्सर भी हमारे लिए प्रमुख है.
विधानसभा में 19 में जीते 22 सीट, बक्सर से दो बार लोकसभा, दो बार विधानसभा सीट जीते :
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए माले के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि, हमारी पार्टी जहां से भी चुनाव लड़ेगी पूरे ढंग से लड़ेगी और चुनाव जीतने के लिए चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा में 19 सीटें मिली थी जिसमें से पार्टी ने 12 और जीत दर्ज की. बक्सर लोकसभा क्षेत्र से हमारे पार्टी के नेता तेज नारायण सिंह पहले भी दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. जबकि कामरेड मंजू प्रकाश दो बार यहां से विधायक रह चुकी हैं. डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान में हमारे पार्टी के विधायक अजीत कुमार सिंह हैं फिर बक्सर लोकसभा क्षेत्र से हमारी पार्टी चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हैं. महागठबन्धन में हमारे हिस्से का जो भी सीट होगी उसमें बक्सर सबसे प्रमुख होगा.
बहरहाल, माले ने भले ही सीट पर दावेदारी कर दी हो लेकिन राजद यहां पहले से लोकसभा का चुनाव लड़ते रही है. उधर, कांग्रेस की भी नजर इस सीट पर है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि आगामी दिनों में महागठबंधन इस समस्या का हल कैसे निकालता है?
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