वीडियो : डोसा के साथ सांभर नहीं देने की रेस्टोरेंट संचालक को चुकानी पड़ी बड़ी कीमत ..

उपभोक्ता का स्वाद भी तब अधूरा रह गया जब उसे डोसा के साथ सांभर नहीं मिला. सांभर नहीं मिलने से नाराज उपभोक्ता ने ना सिर्फ रेस्टोरेंट में अपनी आपत्ति दर्ज कराई बल्कि सुनवाई नहीं करने पर रेस्टोरेंट संचालक को उपभोक्ता फोरम तक घसीट दिया.







- ग्राहक के साथ उचित व्यवहार ना करने वाले रेस्टोरेंट संचालक पर 35 सौ रुपयों का जुर्माना
- आयोग के द्वारा सुनाया गया फैसला 45 दिनों में जमा करनी होगी जुर्माने की राशि

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : साउथ इंडियन फूड आइटम डोसा के स्वाद से सभी परिचित होंगे. आमतौर पर 35 रुपये से 150 रुपये तक मिलने वाला डोसा अपने लाजवाब स्वाद के लिए सबकी पहली पसंद है. लेकिन डोसे का स्वाद तब अधूरा रह जाता है जब उसके साथ सांभर ना हो. नगर के एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट का मसाला डोसा खाने पहुंचे एक उपभोक्ता का स्वाद भी तब अधूरा रह गया जब उसे डोसा के साथ सांभर नहीं मिला. सांभर नहीं मिलने से नाराज उपभोक्ता ने ना सिर्फ रेस्टोरेंट में अपनी आपत्ति दर्ज कराई बल्कि सुनवाई नहीं करने पर रेस्टोरेंट संचालक को उपभोक्ता फोरम तक घसीट दिया. नतीजा यह हुआ कि डोसा के साथ सांभर ना देने वाले रेस्टोरेंट संचालक को अब इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. क्योंकि उपभोक्ता फोरम ने मामले की सुनकाई करते हुए उन पर जुर्माना लगाया है और इस राशि को हर हाल में 45 दिनों के अंदर जमा करने का भी निर्देश दिया है. ऐसा नहीं करने पर उन्हें आठ फीसद ब्याज के साथ भुगतान करना होगा.

मामला 15 अगस्त 2022 का है. नगर के बंगला घाट निवासी मनीष पाठक ने नगर के जमुना चौक के समीप स्थित नमक रेस्टोरेंट से 140 रुपये का स्पेशल मसाला डोसा आर्डर किया था. मसाला डोसा पार्सल करा कर वह घर लेकर पहुंचे. घर आकर जब उन्होंने पैकेट खोला तो डोसे के साथ सांभर नहीं था. ऐसे में घर वालों के सामने उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा बाद में उन्होंने इसकी शिकायत रेस्टोरेंट संचालक से की तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. ऐसे में उपभोक्ता ने रेस्टोरेंट के संचालक को एक वकालत नोटिस भिजवाई लेकिन रेस्टोरेंट्स संचालक में उसका भी जवाब नहीं दिया. ऐसे में उपभोक्ता में अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए उपभोक्ता आयोग में परिवाद पत्र दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई.

11 महीने बाद आया फैसला :

मामले की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता न्यायालय ने रेस्टोरेंट्स सेवा में त्रुटि पाई जिसके बाद उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश एवं सदस्य वरुण कुमार ने परिवादी को हुए मानसिक शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट के लिए दो हज़ार रुपये का जुर्माना लगाने के साथ-साथ वाद के खर्च के रूप में अलग से पंद्रह सौ रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही रेस्टोरेंट प्रबंधक को यह चेतावनी दी कि 35 सौ रुपये की यह राशि वह 45 दिनों के अंदर बतौर जुर्माना भुगतान करें. ऐसा नहीं किया गया तो 8 फीसद ब्याज के साथ इस राशि का भुगतान करना होगा.

शिकायत करने पर दुकानदार ने कहा, 140 रुपये में क्या रेस्टोरेंट खरीदोगे?

उपभोक्ता मनीष कुमार ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को उनका जन्मदिन था. उस दिन गणेश चतुर्थी होने के कारण उनकी मां व्रत में थी. ऐसे में उन्हें कोई परेशानी ना हो इसके लिए रात को 9 बजे उन्होंने नमक रेस्टोरेंट से मसाला डोसा खरीदा और उसे लेकर घर चले आए. घर आने के बाद जब उन्होंने पार्सल खोला तो उसमें सांभर नहीं था, जिसे देखकर मां पिताजी हंसने लगे. अगले दिन सुबह जब मनीष पाठक रेस्टोरेंट में पहुंचे और इस बात की शिकायत की तो संचालक ने कहा कि 140 रुपये में क्या रेस्टोरेंट खरीदोगे? यह बात उन्हें चुभ गई और उन्होंने कानून का सहारा लिया.

उपभोक्ता आयोग के द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद एक तरफ जहां मनीष पाठक को न्याय मिल गया वहीं अन्य उपभोक्ताओं को भी न्याय का एक रास्ता दिखा है, जिसके सहारे वह मनमानी करने वाले ऐसे लोगों को सबक सिखा सकते हैं जो भले ही यह कहे कि ग्राहक भगवान होता है लेकिन उन्हें ग्राहक के साथ उचित व्यवहार करना नहीं आता है.

वीडियो : 










Post a Comment

0 Comments