31 अगस्त तक हड़ताल पर रहेंगे मुखिया ..

सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान की जाए. ग्राम पंचायतो को पुनः जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए. अपराधियों हत्या कर दिये गये मुखिया परिजनों को सरकार 50 लाख रुपये का मुआवजा और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों को अविलंब सजा दिलाए.
प्रखंड विकास पदाधिकारी को मांग पत्र सौंपते मुखिया

 






- बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आह्वान पर कर रहे विरोध
- मांगे नहीं पूरी होने पर पुनः बनेगी आंदोलन की रणनीति

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आह्वान पर ग्राम पंचायतों के अधिकारों में की जा रही कटौती के खिलाफ राज्यव्यापी दिनांक 16 अगस्त 31 से अगस्त तक हड़ताल और कार्य का बहिष्कार शुरु कर दिया है. इसकी सूचना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिख कर दी गई है. 

पत्र में बताया गया है कि बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आह्वान पर ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती के खिलाफ अपने विभिन्न मांगों को लेकर दिनांक 16.08.2023 से 31.08. 2023 तक हड़ताल व कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान ग्राम पंचायत के सभी प्रकार के कार्यों, सरकारी कार्यक्रमों, बैठकों का बहिष्कार किया जाएगा. दिनांक 22.08.2023 को प्रखंड मुख्यालय पर धरना का आयोजन किया जाएगा. संघ का कहना है कि ग्राम पंचायत को 73 वें संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को पूर्णरूपेण ग्राम पंचायत को सौंपा जाए. ग्राम सभा कि रक्षा हेतु पारित निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए. ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए. सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद करे.  मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाईट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे पुनः ग्राम पंचायत को सौंपा जाए.

पंचायत सरकार भवन के निर्माण में पूर्व में ही LAEO असफल साबित हुई है. इससे LAEO से हटाकर ग्राम पंचायतो को क्रियान्वयन का जिम्मा दिया जाए. मुख्यमंत्री नल-जल योजना का कार्य पुरी तरह बाधित है. इसे पी०एच०ई०डी० से हटाकर पुन: वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को दिया जाए. ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी की जाए.

मुखिया को 10 हज़ार रुपये उप मुखिया 7 हज़ार रुपये तथा वार्ड सदस्य 5 हज़ार रुपये प्रतिमाह दिया जाए. ग्राम पंचायत के मुखिया को उनकी सुरक्षा हेतू आवश्यकता अनुसार उनके मांग पर हथियार का लाइसेंस दिया जाए. पंचायतो में बंद परे कबीर अंत्योष्टि योजना को पुनः शुरु किया जाए. सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान की जाए. ग्राम पंचायतो को पुनः जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए. अपराधियों हत्या कर दिये गये मुखिया परिजनों को सरकार 50 लाख रुपये का मुआवजा और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों को अविलंब सजा दिलाए.

ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मियों के वेतन विवरणी अथवा उपस्थिति पंजी मुखिया के हस्ताक्षर के बाद ही भुगतान किया जाए. इसका सख्ती से अनुपालन कराया जाए.

ग्राम पंचायतों को राजस्व कर वसूली का हिस्सा सभी मदों से उपलब्ध कराया जाए. मनरेगा में ग्राम पंचायत को प्रशासनिक का अधिकार पंचायती राज विभाग की तरह 20 लाख तक किया जाए तथा ग्राम पंचायतों को भुगतान का अधिकार दिया जाए. मनरेगा में NMMS का प्रयोग राज्य के मजदूरों के हित में नहीं है, आज भी ग्राम पंचायतों में मोबाईल नेटवर्क की समस्या है. सरकार इसका निदान करे. मनरेगा में मजदूरी दर बढ़ाया जाए तथा बाजार दर के अनुसार SOR निर्धारित किया जाए तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए.15वीं वित्त की राशि के आवंटन में ग्राम पंचायतो को अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए. प्रधानमंत्री आवास योजना में नये पात्र लाभुकों का नाम जोड़ने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए.

मुखिया संघ के द्वारा स्पष्ट रूप से सरकार को यह चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार के द्वारा इन मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए इन्हें नहीं माना जाता है तो पुणे आंदोलन की रणनीति बनेगी और विरोध जारी रहेगा.








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