स्वतंत्रता दिवस को भी मायूस रहे अतिथि शिक्षक ..

बावजूद सभी अतिथि शिक्षकों का मन मानदेय नहीं मिलने के कारण विचलित हो गया है. प्रधानाध्यापकों के निगरानी में सभी अतिथि शिक्षक विद्यालय की साफ-सफाई के साथ ध्वजारोहण में हर छोटे बड़े कार्य करते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि उनको उसदिन का मानदेय नहीं मिलता हैं.






- स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने पर नहीं मिला मानदेय तो जताया दुःख
-  कहा - चुनाव से लेकर सभी कार्य कराते हैं पर मानदेय देते नहीं

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में प्लस टू विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में बढ़ चढ़ कर भाग लेने के बावजूद उनको उस दिन का मानदेय नहीं मिलेगा. उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रजेश दत्त पांडेय ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में बढ़ चढ़कर भाग लेने के बावजूद सभी अतिथि शिक्षकों का मन मानदेय नहीं मिलने के कारण विचलित हो गया है. प्रधानाध्यापकों के निगरानी में सभी अतिथि शिक्षक विद्यालय की साफ-सफाई के साथ ध्वजारोहण में हर छोटे बड़े कार्य करते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि उनको उसदिन का मानदेय नहीं मिलता हैं.

श्री पांडेय ने बताया कि 77 वें स्वतंत्रता दिवस के दिन सूबे में कार्यरत प्लस टू विद्यालयों में कार्यरत करीब 4000 अतिथि शिक्षकों का मन मानदेय नहीं मिलने से मन आत्मग्लानि से भर गया है. क्योंकि उस पावन अवसर पर भी अतिथि शिक्षकों को बेगारी करने पर मजबूर हैं.
उन्होंने बताया कि अतिथि शिक्षकों को कक्षा लेने एवं विद्यालय कार्य दिवस के आधार पर प्रत्येक दिन का 1000 रुपये ही मानदेय मिलता है.

दुर्भाग्य है कि स्वतंत्रता दिवस औऱ गणतंत्र दिवस के दिन प्लस टू विद्यालयों में कार्य करने के बावजूद अतिथि शिक्षकों का उसदिन का एक पैसा नहीं मिलता हैं जो एक नाइंसाफी हैं.

श्री पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार  पांच साल से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, चुनाव, मतगणना आदि में कार्य संपादित कराती है अतः सभी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाए.








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