वीडियो : बच्चों ने लगाई गुहार, "डीएम अंकल, स्कूल में पीने का पानी भी नहीं मिलता ..

कहा कि सचिव महोदय ने बुनियादी सुविधाओं को ठीक करने का आदेश तो जारी कर दिया लेकिन जब सम्बंधित विभाग से शिक्षक आग्रह करते हैं तो कोई सुनने को तैयार नहीं है. इस मामले में 20 दिनों से केवल आश्वासन ही मिल रहा है.







- आदर्श मध्य विद्यालय, लक्ष्मीपुर, चौगाईं के विद्यालय में ही रहा देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ 
- गंदे पानी में ही बना मध्याह्न भोजन खाने को बच्चे हैं मजबूर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा जहां विद्यालयों का आवश्यक निरीक्षण का शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने की कोशिश कर रहे हैं वही मूलभूत व्यवस्थाएं भी नहीं सुधारी जा रही. जिससे शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों में भी आक्रोश व्याप्त है. गुरुवार को जिले के डुमरांव अनुमंडल अंतर्गत आदर्श मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर चौगाईं के छात्र-छात्राओं ने स्कूल में जमकर हंगामा किया. हंगामा कर रहे विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में उनकी सेहत के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है. शिक्षा विभाग से लेकर  जिला अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं. विद्यालय में लगा हुआ एक चापानल खराब है जबकि दूसरे से गंदा पानी आ रहा है. इस गंदे पानी से मध्याह्न भोजन बनता है. आखिर गंदे पानी में बन रहे मध्यान भोजन कितने दिनों तक खाकर बच्चे बीमार होते रहेंगे? बार-बार शिकायत करने के बाद भी केवल आश्वासन ही मिल रहा है समस्याओं को दूर नही किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने डीएम से मामले में संज्ञान लेने की गुहार लगाई है.


स्कूल में हंगामा कर रही छात्रा अंजू ने बताया कि, स्कूल परिसर में कुल तीन चापानल पीएचइडी के द्वारा दशकों पहले लगाया गया है, जिसमे से दो पूरी तरह से बन्द हो गए हैं जबकि तीसरे से पानी के साथ मिट्टी निकल रहा है. उसी में भोजन तैयार कर हम सभी को खिलाया जा रहा है. पिछले 20 दिनों लगातार शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का निदान नही निकाला गया. छात्र हिमालय सिंह ने बताया कि पानी पीने के लिए मुख्य सड़क को पार कर दूसरे जगह जाना पड़ रहा है. जिसके कारण सड़क दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. डीएम अंकल को तो इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए.

कहते हैं स्कूल के शिक्षक : 

छात्र-छात्राओं की समस्या को लेकर स्कूल के शिक्षक से लेकर प्रधानाध्यापक से हमने बात की. इस दौरान स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि 20 दिन पहले ही पीएचइडी के जूनियर इंजीनियर से इस बात की लिखित शिकायत हमने किया था. लेकिन हमें केवल आश्वासन ही मिल रहा है, जबकि चापाकल से गंदा पानी निकल रहा है, जिसे पीने के लिए बच्चे मजबूर हैं. इस स्कूल में कुल 496 बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं. 

कहां गया के के पाठक का शिक्षा सुधार मिशन? 

स्कूल के अन्य शिक्षकों ने  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक पर तंज कसते हुए कहा कि सचिव महोदय ने बुनियादी सुविधाओं को ठीक करने का आदेश तो जारी कर दिया लेकिन जब सम्बंधित विभाग से शिक्षक आग्रह करते हैं तो कोई सुनने को तैयार नहीं है. इस मामले में 20 दिनों से केवल आश्वासन ही मिल रहा है.

जिलाधिकारी के आदेश को भी ठेंगा दिखा रहे है पीएचइडी के कर्मी :

लक्ष्मीपुर स्कूल में पहुँचे बीआरपी राजेन्द्र सिंह और उमेश सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी के आदेश को भी मानने को तैयार नहीं है. पीएचइडी विभाग के अधिकारी, मई महीने में ही जिलाधिकारी ने चापानल मरम्मत करने के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किया था. रथ रवाना किया गया सब कुछ केवल कागजो पर ही है. मिट्टी युक्त पानी से ही बर्तन साफ हो रहा है और उसी से मध्याह्न भोजन भी तैयार हो रहा है.

वीडियो : 








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