कदाचार रहित संपन्न हुई बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा, सामाजिक कार्यकर्ता परीक्षार्थियों के रहने-खाने का किया प्रबंध ..

रहने भोजन तथा परीक्षा केंद्र पर आने जाने के लिए वाहन का सहयोग किया. बाहर से पहुंचे परीक्षार्थियों ने सहयोग के लिए उनका आभार जताया. दूसरे प्रदेशों से पहुंचे परीक्षार्थियों ने कहा कि डॉ राजेश की सेवा भावना देखकर बिहार के प्रति उनका नजरिया ही बदल गया.







- विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर व्यापक सुरक्षा इंतजाम के बीच संपन्न हुई परीक्षा
- जिले के वरीय अधिकारी लेते रहे परीक्षा केन्द्रों का जायजा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में दूसरे दिन भी प्रथम पाली में 13 तथा द्वितीय पाली में 17 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा हुई. परीक्षा को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. जिला पदाधिकारी के साथ-साथ तमाम पदाधिकारी परीक्षा केन्द्रों का जायजा लेते रहे. निर्धारित समय से परीक्षार्थियों ने परीक्षा केंद्र में प्रवेश किया और फिर कदाचार रहित परीक्षा संपन्न हुई. दूसरे दिन की परीक्षा में भी दोनों पालियों को मिलाकर 4,165 परीक्षा अनुपस्थित रहे. उधर परीक्षार्थियों सहयोग के लिए सामाजिक कार्यकर्ता व चिकित्सक डॉ राजेश मिश्रा के द्वारा रहने भोजन तथा परीक्षा केंद्र पर आने जाने के लिए वाहन का सहयोग किया. बाहर से पहुंचे परीक्षार्थियों ने सहयोग के लिए उनका आभार जताया. दूसरे प्रदेशों से पहुंचे परीक्षार्थियों ने कहा कि डॉ राजेश की सेवा भावना देखकर बिहार के प्रति उनका नजरिया ही बदल गया.
                 

                         
परीक्षा समाप्त हो जाने के बाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचे परीक्षार्थियों की निर्गुण नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ तथा जीआरपी के जवानों द्वारा पसीना बहाया गया. कई परीक्षार्थी ट्रेन की गेट पर लटक कर जाते दिखाई दिए. जिला नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक पहली पाली में कुल परीक्षार्थियों की संख्या 7,110 थी जिनमें उपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या 6,326 तथा अनुपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या 784 एवं निष्कासित परीक्षार्थियों की संख्या शून्य है  द्वितीय पाली की परीक्षा में कुल परीक्षार्थियों की संख्या 8,920 थी जिनमें उपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या 5,539, अनुपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या 3,381 एवं निष्कासित परीक्षार्थियों की संख्या शून्य रही.









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